ट्रेन साफ करके देश गंदा कर रहे हैं! रेल कर्मचारी ने लाख समझाने पर भी बाहर फेंका कूड़ा

“ट्रेन को साफ कर रहे हैं या देश को गंदा?” - सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस में ट्रैक पर फेंका गया कचरा, वीडियो वायरल होते ही रेलवे का त्वरित एक्शन, दोषी कर्मी बर्खास्त, ठेकेदार फर्म पर भारी जुर्माना, स्वच्छता को लेकर नई गाइडलाइन जारी
रिपोर्ट : विजय तिवारी
अजमेर।
भारतीय रेलवे की स्वच्छता मुहिम पर सवाल उठाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। वीडियो में सियालदह-अजमेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12987) के ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग स्टाफ (OBHS) को चलते हुए ट्रेन से कचरा ट्रैक पर फेंकते हुए देखा जा सकता है। यह घटना 4 नवंबर 2025 को सामने आई, जब यात्री अभिषेक सिंह कानपुर से जयपुर की यात्रा पर थे। उन्होंने यह वीडियो अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा —
> “Train Saaf Karke Desh Ganda Kar Diya”
वीडियो के कैप्शन के साथ ही यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई और यात्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी — “ट्रेन को साफ कर रहे हैं या देश को गंदा?” यह सवाल सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा और रेलवे प्रशासन को तुरंत हरकत में आना पड़ा।
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DRM अजमेर ने दिखाई सख्ती — दोषी कर्मचारी बर्खास्त, ठेकेदार पर जुर्माना
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, उत्तर पश्चिम रेलवे, अजमेर मंडल (DRM Ajmer) ने घटना को गंभीरता से लिया। देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में DRM अजमेर कार्यालय ने बताया कि संबंधित कर्मी की पहचान संविदा कर्मचारी श्री संजय सिंह के रूप में हुई। उन्हें तुरंत प्रभाव से सेवा से हटा दिया गया, साथ ही उस ठेकेदार फर्म पर भी भारी जुर्माना लगाया गया है, जिसके अधीन यह स्टाफ कार्यरत था।
DRM अजमेर ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा —
> “आपकी शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। दोषी कर्मचारी को तत्काल हटा दिया गया है और ठेकेदार फर्म पर सख्त कार्रवाई की गई है। असुविधा के लिए हमें खेद है। यात्रियों की सुविधा और स्वच्छता को लेकर निरंतर प्रयास जारी रहेंगे।”
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भविष्य में लापरवाही रोकने के लिए रेलवे की नई पहल
रेल प्रशासन ने इस घटना को “स्वच्छ भारत मिशन” की भावना के खिलाफ बताया और तुरंत काउंसलिंग ड्राइव शुरू करने का निर्देश दिया।
अब सभी OBHS कर्मियों को यह सख्त हिदायत दी गई है कि ट्रेन का कचरा केवल नियुक्त स्टेशनों पर मौजूद डस्टबिन या डिस्पोजल प्वाइंट्स पर ही डाला जाए।
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि चलती ट्रेन से कचरा फेंकना न सिर्फ पर्यावरण प्रदूषण बढ़ाता है, बल्कि यह रेलवे अधिनियम के तहत अपराध है, जिसके लिए संबंधित व्यक्ति और एजेंसी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
रेलवे प्रशासन ने बताया कि इस तरह की हरकतों से रेलवे ट्रैक पर गंदगी फैलने के साथ-साथ सिग्नल और ट्रैक सुरक्षा उपकरणों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। इसलिए अब हर ट्रेन में OBHS स्टाफ की कड़ी निगरानी की जाएगी और ऑनबोर्ड सीसीटीवी फुटेज को समय-समय पर मॉनिटर किया जाएगा।
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यात्रियों ने सराहा DRM अजमेर की त्वरित कार्रवाई
सोशल मीडिया पर DRM अजमेर की तत्परता की यात्रियों ने खुलकर तारीफ की। कई उपयोगकर्ताओं ने कहा कि यह “रेलवे की जवाबदेही का उदाहरण” है।
एक यूज़र ने लिखा — “पहली बार रेलवे ने इतनी जल्दी कार्रवाई की, उम्मीद है बाकी जोन भी ऐसा ही अनुशासन दिखाएंगे।”
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रेलवे की अपील : “स्वच्छ ट्रेन, सुरक्षित सफर” सबकी जिम्मेदारी
रेल प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे सफर के दौरान कचरा केवल निर्धारित डस्टबिन में डालें और यदि कहीं भी ऐसी लापरवाही देखें, तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139, या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर @RailMinIndia या @DrmAjmer को टैग करते हुए शिकायत करें।
रेलवे अधिकारियों ने यह भी कहा कि आगे से किसी भी OBHS या स्टाफ द्वारा इस तरह की हरकत पाए जाने पर ब्लैकलिस्टिंग और अनुबंध रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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नारा नहीं, जिम्मेदारी — “स्वच्छ ट्रेन, स्वच्छ ट्रैक”
यह पूरा मामला इस बात का उदाहरण है कि भारतीय रेलवे अब स्वच्छता को लेकर शून्य सहनशीलता नीति (Zero Tolerance Policy) पर काम कर रहा है।
जहां पहले सफाई केवल एक जिम्मेदारी मानी जाती थी, वहीं अब यह देश के प्रति कर्तव्य और अनुशासन का प्रतीक बन चुकी है।
रेल प्रशासन के अनुसार, रेलवे के सभी जोनों में अब “स्वच्छ ट्रेन – स्वच्छ ट्रैक” अभियान को और सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि हर यात्री को स्वच्छ और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।
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यह घटना भले ही एक ट्रेन की हो, लेकिन इसका संदेश पूरे देश के लिए स्पष्ट है —
“देश को साफ रखना सिर्फ सरकार या रेलवे की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।”
रेलवे की इस सख्त कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित किया है कि “जो देश को गंदा करेगा, अब वो बख्शा नहीं जाएगा।”




