स्वदेशी जहाज ‘इक्षक’: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और सशक्त कदम

भारतीय नौसेना की ताकत और स्वदेशी निर्माण क्षमता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाला एक और गौरवपूर्ण अध्याय जुड़ने जा रहा है। कोलकाता स्थित गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्मित सर्वेक्षण पोत (लार्ज) ‘इक्षक’ को आगामी 6 नवंबर 2025 को कोच्चि में भारतीय नौसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।
‘इक्षक’ चार स्वदेशी सर्वेक्षण जहाजों की श्रृंखला की तीसरी इकाई है। यह न केवल भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता का प्रतीक है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की सशक्त अभिव्यक्ति भी है। इस श्रृंखला के सभी पोत पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित किए गए हैं, जो देश की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को दर्शाते हैं।
यह अत्याधुनिक पोत समुद्री सर्वेक्षण, मानचित्रण, और नौवहन सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए विकसित किया गया है। इसके माध्यम से भारतीय नौसेना समुद्री सीमाओं की निगरानी, हाइड्रोग्राफिक डाटा संग्रहण, और सामरिक दृष्टि से अहम क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को और सुदृढ़ करेगी।
‘इक्षक’ के शामिल होने से नौसेना की हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण क्षमता में बड़ा विस्तार होगा। यह पोत आधुनिक रडार, सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम, और सर्वे उपकरणों से लैस है, जिससे समुद्र की गहराइयों का सटीक विश्लेषण संभव होगा।
भारतीय नौसेना के लिए यह क्षण गौरव का है- क्योंकि ‘इक्षक’ न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि देश के आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की सफलता का भी द्योतक है।




