केदारनाथ रोपवे: 9 घंटे की यात्रा 40 मिनट में, 16KM की दूरी झट से होगी पूरी

केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इस मार्ग पर पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को जल्द राहत मिलने वाली है. दरअसल इस पर मार्ग पर यात्रा आसान होने जा रही है. 9 घंटे की पैदल यात्रा आने वाले समय में महज 40 मिनट में पूरी हो जाएगी. यात्रा के दौरान श्रद्धालु कठिन चढ़ाई चढ़ने से बच सकेंगे. केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर टेंडर प्रक्रिया और सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है. रोपवे शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं को बाबा के धाम तक पहुंचाने के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी.
उत्तराखंड के चारों धामों में से एक केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को जल्द ही रोपवे की सुविधा मिलने वाली है. केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 4000 करोड़ से अधिक लागत वाली इस परियोजना को लेकर टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. सरकार ने इस परियोजना का निर्माण कार्य अदानी ग्रुप को सौंपा है. कंपनी द्वारा अगले 5 सालों में इस रोपवे का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही कंपनी के द्वारा 29 वर्षों तक इस परियोजना का संचालन और रख-रखाव किया जाएगा. राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड के देखरेख में इस रोपवे प्रोजेक्ट का काम किया जाएगा.
केदारनाथ धाम में बनने जा रहे इस रोपवे की लंबाई 12.9 किलोमीटर होगी. यह परियोजना के अंतर्गत सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक रोपवे बनाई जाएगी. दरअसल, केदारनाथ धाम की पैदल चढ़ाई लगभग 16 किलोमीटर की है जिसे चढ़ने में 8 से 9 घंटे का समय लगता है. लेकिन रोपवे तैयार होने के बाद यह दूरी को पूरा करने के लिए केवल 35 से 40 मिनट का समय लगेगा.
रोपवे परियोजना को अधिक सुविधा जनक और आरामदायक बनाने के लिए इसमें आधुनिक मोनोकेबिल डीटेचेबल गोंडोला तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. जो तारों के सहारे रोपवे को संचालित करने में मदद करेगा. चार धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ केदारनाथ में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं.
श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा
पिछले कुछ समय से केदारनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या 15 से 20 लाख तक पहुंच जाती है. हालांकि मानसून सीजन में बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा अक्सर बाधित रहती है. इस दौरान बेहद कम संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच पाते हैं.
मानसून सीजन के दौरान इस पवित्र यात्रा को बंद कर दिया जाता है. केवल पैदल या खच्चरों से ही श्रद्धालु धाम तक पहुंच सकते हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम के लिए रोपवे बन जाने से यात्रा आरामदायक और सुरक्षित होने की उम्मीद वहीं यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होगा. उसके साथ ही धाम में दर्शन करने के लिए जाने वाले लोगों को सुविधा मिलने के साथ ही उनका समय भी बचेगा.