जिलाधिकारी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय, पांडेयपुर का औचक निरीक्षण किया।

वाराणसी
ड्यूटी पर उपस्थित डाक्टरों एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ मीटिंग की।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय, पांडेयपुर का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने अस्पताल में पहॅुचकर वहां ड्यूटी पर उपस्थित डाक्टरों एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ मीटिंग की । मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि अभी तक कुल 894 मरीजों में से 674 मरीज डिस्चार्ज किये जा चुके हैं तथा 108 मरीजों को रिफर किया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि अब तक कुल 20 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है जिसमें अधिकांश मरीज कोविड के आलावा अन्य रोगों यथा कैंसर, डायबिटिज आदि से ग्रसित थे। अस्पताल में कुल 180 बेड कोरोना मरीजों के लिए वर्तमान में हैं जिन्हें बढाकर 200 किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि 10 बेड ट्रामा सेंटर में तथा कम से कम 15 बेड की जगह और चिन्हित किया जाय। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि 33 बेड आईसीयू में हैं तथा अस्पताल में 11 डिजीटल इन्फ्रारेड स्कैनर, 90 पल्स आक्सीमीटर एवं 10 सक्शन मशीन वर्तमान में है। 31 वेंटिलेटर, 4 ग्लूकोमीटर, 33 मल्टीपैरा मानीटर, 1-1 एक्स-रे मशीन व ईसीजी मशीन, 20 इन्फ्यूशन मशीन है जिनका उपयोग मरीजों के ईलाज में किया जा रहा है। अस्पताल में 36 स्टाफ 3 सिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं जिसमें वार्ड ब्वाय, स्टार्फ नर्स, सफाई कर्मी शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा स्टाफ की कमी संज्ञान में लाने पर जिलाधिकारी ने तत्काल वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से स्टाफ रखने का निर्देश दिया । मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि विगत माह से आक्सीजन की खपत काफी बढ गयी हैं इसके लिए धनराशि की मांग शासन में की गयी है परन्तु अभी तक धनावंटन नहीं हुआ है, जिसपर जिलाधिकारी ने इस संबंध में तत्काल वित्त नियंत्रक, स्वांस्थ्य सेवांए, उत्तर प्रदेश को धनराशि की मांग का पत्र भेजते हुए अतिशीघ्र वजट आवंटन किये जाने का अनुरोध किया ।
मरीजों के इलाज से संबंधित सवाल पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि प्रत्येक मरीज का निर्धारित समयांतराल पर चेकअप तथा दवाईयां दी जा रही तथा इसके लिए निर्धारित प्रोफार्मा पर उपचार आदि के बारे में अंकित किया जा रहा । इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि चेस्ट इंफेक्शन की संभावना अधिक होती है इसलिए सभी का एक्सरे किया जाय तथा मृत्यु दर को कम करने के लिए जो भी दवा या इलाज की जरूरत है उसे अपनायें । उन्होंने निर्देशित किया कि कोविड वार्ड में सीसीटीवी कैमरा तत्काल लगवायें जिससे मरीजों की 24 घंटे निगरानी हो सके। जिलाधिकारी ने वार्डो एवं किचन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने किचन निरीक्षण के समय वहां रखी गयी पैकिंग युक्त खाने की गुणवत्ता के संबंध में पूछताछ की तथा पैकेट खुलवाकर देखा। उन्होंने कहा कि नाश्ता व खाना समय पर तथा हाइजैनिक मिलना चाहिए। निरीक्षण के समय 14 मरीज आईसीयू में तथा 2 मरीज एनएचएफसी में थे। भर्ती मरीजों में 37 को आक्सीजन दिया जा रहा है। प्रत्येक दिन डिस्पोजेबल बेड सीट मरीजो के लिए इस्तेमाल होता है तथा चिकित्सालय में मौजूद लाउण्ड्री में कपडों इत्यादि की सफाई कराई जाती है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि उन्होंने बताया कि विभिन्न श्रोतों से प्राप्त शिकायतों को प्राथमिकता पर लेकर उसका निस्तारण किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा एम्बुलेंस चालकों के संबंध में मरीजों एवं स्टाफ द्वारा दिये गये फीडबैक के बारे में अवगत कराया गया कि इनके द्वारा आक्रोशित होकर बात किया जाता है तथा इनका व्यवहार भी ठीक नहीं हैं जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल एंबुलेंस प्रभारी उप मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ सुरेश सिंह एवं प्रोग्राम मैनेजर 108/102 एम्बुलेंस को पत्र जारी करते हुए भविष्य में इस तरह की शिकायत न आने पाये इसके लिए सचेत किया तथा कहा कि सभी विभागों को धैर्यपूर्वक एवं शालीनता से कार्य करते हुए कोरोना संकट पर काबू पाने में मदद करना चाहिए।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय वाराणसी