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उत्तर प्रदेश

विधायक विजय मिश्रा, उनकी पत्नी और बेटे पर पुलिस ने दर्ज किया केस

विधायक विजय मिश्रा, उनकी पत्नी और बेटे पर पुलिस ने दर्ज किया केस
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भदोही. ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विधायक विजय मिश्रा (MLA Vijay Mishra) के एक रिश्तेदार ने उनके खिलाफ केस किया है. कहा जा रहा है कि रिश्तेदार ने विधायक के अलावा उनकी पत्नी और उनके बेटे के ऊपर भी कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. रिश्तेदार ने आरोप लगाया है कि विधायक जहां रहते हैं, उस मकान को वो जबरन लेना चाहते हैं. शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि उसके नाम की फर्म (Firm) को भी जबरन विधायक ने अपने हाथों में ले लिया है. वहीं, इस मामले में विधायक ने कहा है कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं.

भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विजय मिश्रा चौथी बार विधायक चुने गए हैं. इस बार उन्होंने निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था. इसके पहले वह सपा से चुनाव जीतते रहे हैं. उनकी पत्नी रामलली मिश्रा मिर्ज़ापुर- सोनभद्र से एमएसली हैं. धनापुर गांव में विधायक का निवास स्थल है. वह कई सालों से वहां रह रहे हैं. जिस जगह वह रहते हैं, वहीं के उनके एक रिश्तेदार ने विधायक और उनके परिजनों के खिलाफ मुदकमा दर्ज कराया है. कृष्ण मोहन तिवारी ने आरोप लगाया है कि विधायक जबरन उनके मकान में रह रहे हैं और पूरी प्रापर्टी को जबरन लेना चाहते हैं. और एक फर्म बनाई गई थी उसको भी उन्होंने कब्ज़ा कर लिया है. बैंक एकाउंड तक वही चला रहे हैं. चेक पर सिग्नेचर करा लिए है और नेट बैंकिंग भी उन्ही के जरिये संचालित होती है. इस मामले में पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि विधायक विजय मिश्रा, उनकी पत्नी रामलली मिश्रा और बेटे विष्णु मिश्रा पर कई धाराओं में केस दर्ज लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.

विधायक विजय ने कहा झूठे आरोप लगाकर दर्ज कराई गई एफआईआर

गोपीगंज कोतवाली में पुलिस ने धारा 323 ,506 ,449 ,347 ,387 में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, पुलिस ने शिकायतकर्ता को सुरक्षा भी मुहैया करा दी है. शिकायतकर्ता के घर पर पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं, इस पूरे मामले में विधायक विजय मिश्रा ने प्रेसवार्ता कर कहा कि झूठे आरोप लगाकर उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. उन्होंने किसी के मकान पर कब्जा नहीं किया है. शिकायतकर्ता सामने के हिस्से में रहते हैं, जबकि मैं और मेरा परिवार दूसरे हिस्से में रहता है. वहीं, जहां मैं रहता हूं वह जमीन शिकायतकर्ता की नहीं है. उन्होंने कहा कि फर्म के नाम करोड़ों रुपयों का फिक्स डिपाजिट है. उसको हथियाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

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