42 साल पुराने अस्पताल में इलाज नहीं, सिर्फ दवा बांटते हैं चपरासी

स्व. विधायक रामजनम सिंह ने जनता की सेवा के लिए शुरू कराया था चिकित्सालय, अब सिस्टम की अनदेखी की भेंट चढ़ा
रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग नवीन राय
कमालपुर (चंदौली): खबर जनपद चंदौली से है जहां धानापुर विकासखंड के आलम खातोपुर गांव में स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय इन दिनों बदहाली की मिसाल बन चुका है। वर्ष 1983 में क्षेत्रीय जनता को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने के उद्देश्य से स्व. विधायक रामजनम सिंह द्वारा स्थापित यह अस्पताल अब महज़ एक औपचारिकता बनकर रह गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां नियुक्त डॉक्टर अक्सर नदारद रहते हैं, और चपरासी या फार्मासिस्ट ही मरीजों को दवा बाँटते हैं। चिकित्सा सेवाओं का यह हाल बीते कई वर्षों से चला आ रहा है, जिससे ग्रामीणों में रोष है।
स्थानीय निवासी रणविजय सिंह, धर्मेंद्र यादव, कपिलदेव यादव, विजय बहादुर प्रजापति, कमरुद्दीन, सैचन अली, जोखन प्रजापति, सुदामा राम समेत कई लोगों ने बताया कि चिकित्सालय में डॉक्टर की मौजूदगी कभी-कभार ही होती है। शेष समय में दवाएं चपरासी द्वारा दी जाती हैं, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है।
यह अस्पताल केवल आलमखातोपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के लगभग दस गांवों के लोगों की एकमात्र होम्योपैथिक चिकित्सा आशा है। प्रतिदिन 30 से 50 मरीज यहां दवा लेने आते हैं, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति में उन्हें उचित सलाह नहीं मिल पाती।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मांग की है कि चिकित्सालय की स्थिति की तत्काल जांच कराते हुए नियमित डॉक्टर की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए, ताकि ग्रामीणों को उचित इलाज मिल सके और स्व. विधायक के सपनों की यह सेवा पुनः जीवित हो सके।