27 महीने बाद जेल से बाहर आए आजम खान, Y कैटेगरी सुरक्षा लेने से किया इंकार – बोले, “मैं मुर्गी चोर हूं, मुझे किस बात की सुरक्षा?”

डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान 27 महीने बाद जेल से रिहा हो गए हैं। रिहाई के तुरंत बाद राज्य सरकार ने उन्हें Y कैटेगरी सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था, लेकिन सपा नेता ने इस सुरक्षा को स्वीकार करने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। उनके इस निर्णय के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
रिहाई के बाद मीडिया से बातचीत में आजम खान ने कहा कि उन्हें अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से भी कहा — “पहले लिखित आदेश लेकर आइए, तब मैं कुछ सोचूंगा।”
आजम खान ने सरकार की ओर से दी गई सुरक्षा श्रेणी पर भी कड़े सवाल उठाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा —
“जब एक बार का विधायक भी कमांडो के साथ चल सकता है, तो मुझे सिर्फ Y कैटेगरी क्यों दी जा रही है?”
उन्होंने आगे कहा कि अगर सुरक्षा देनी ही है तो विरोधियों के बराबर की सुरक्षा दी जाए, वरना यह केवल दिखावा है।
सपा नेता ने वाई कैटेगरी सुरक्षा से जुड़े खर्च को लेकर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस श्रेणी की सुरक्षा में गाड़ियों, सुरक्षा कर्मियों और अन्य इंतज़ामों का खर्च व्यक्ति को स्वयं उठाना पड़ता है, जबकि वे इस समय ऐसी आर्थिक स्थिति में नहीं हैं कि यह खर्च उठा सकें।
अपनी ही शैली में व्यंग्य करते हुए आजम खान ने कहा —
“मैं मुर्गी और बकरी चोर हूं, 21 साल की सज़ा काट रहा हूं… तो मुझे सुरक्षा कैसे मिल सकती है? मुझे इस पर भरोसा नहीं है।”
उनका यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तेजी से वायरल हो गया है।
आजम खान के इस कदम को लेकर सपा समर्थकों में सहानुभूति और विपक्षी दलों में बहस छिड़ गई है। सपा के कई कार्यकर्ताओं ने इसे “राजनीतिक उपेक्षा” बताया है, जबकि भाजपा समर्थक इसे राजनीतिक नाटक कह रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेल से निकलने के बाद आजम खान नई रणनीति के तहत अपनी छवि और समर्थन आधार पुनर्जीवित करने की कोशिश में हैं।
रामपुर से कई बार विधायक और सांसद रह चुके आजम खान पर अनेक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उन्हें 2023 में सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेजा गया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें 27 महीने बाद रिहाई मिली है।
आजम खान के सुरक्षा लेने से इंकार ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। उनकी टिप्पणी, “मैं मुर्गी चोर हूं,” केवल एक व्यंग्य नहीं, बल्कि सत्ता के प्रति अविश्वास और विरोध का प्रतीकात्मक बयान माना जा रहा है।