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उत्तर प्रदेश

फर्जी वोटिंग आरोपों पर सीएम योगी का कड़ा रुख — मेरठ-मुज़फ्फरनगर को ‘हाई-अलर्ट ज़ोन’ घोषित, SIR अभियान में विशेष निगरानी के निर्देश

फर्जी वोटिंग आरोपों पर सीएम योगी का कड़ा रुख — मेरठ-मुज़फ्फरनगर को ‘हाई-अलर्ट ज़ोन’ घोषित, SIR अभियान में विशेष निगरानी के निर्देश
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

लखनऊ / पश्चिमी यूपी :

उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान पश्चिमी यूपी से लगातार मिल रही फर्जी वोटिंग और संदिग्ध मतदाता प्रविष्टियों की शिकायतों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। रविवार को राजधानी में हुई विस्तृत समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मेरठ, मुज़फ्फरनगर और आसपास के जिलों को “विशेष निगरानी क्षेत्र” (Special Watch Zone) के रूप में चिह्नित किया जाए और एक-एक बूथ स्तर पर गहन जांच सुनिश्चित की जाए।

बैठक में लगभग 40 भाजपा जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी शामिल थे, जिन्हें सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि SIR अभियान को “औपचारिक कार्य नहीं बल्कि लोकतांत्रिक ईमानदारी का आधार” समझते हुए पूरी गंभीरता से पूरा किया जाए। उन्होंने चेताया कि फर्जी वोटरों की पहचान, डुप्लीकेट प्रविष्टियों का उन्मूलन और पात्र मतदाताओं को जोड़ना — यह तीनों लक्ष्य प्राथमिकता से पूरे होने चाहिए।

जांच में चौंकाने वाले आंकड़े उजागर

सूत्रों के अनुसार विशेष पुनरीक्षण के दौरान कई जिलों में बड़ी संख्या में फर्जी और संदिग्ध मतदाता सामने आए हैं।

अकेले मेरठ मंडल में पांच लाख से अधिक वोटर-नामों की स्थिति संदिग्ध पाई गई है।

पंचायत स्तर पर आठ जिलों में कुल मिलाकर ढाई लाख से अधिक फर्जी वोटर की प्रविष्टियाँ चिन्हित की गई हैं।

कई क्षेत्रों में एक ही पते पर 20-20 नाम दर्ज पाए गए, जबकि वास्तविक निवासियों की संख्या इससे बहुत कम है।

इन मामलों की पुष्टि के बाद कई क्षेत्रों में सत्यापन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई, और भूमिकाधारियों को निलंबित तक किया गया है।

सीएम ने दी कड़ी चेतावनी — “लापरवाही मिली तो प्रत्यक्ष कार्रवाई होगी”

योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि यह अभियान केवल सरकारी तंत्र पर नहीं छोड़ा जा सकता।

उन्होंने कहा—

“एक भी पात्र मतदाता सूची से बाहर नहीं होना चाहिए, और एक भी फर्जी वोटर अंदर नहीं रहना चाहिए। यदि कोई लापरवाही मिली तो जिम्मेदार अधिकारी और कार्यकर्ता दोनों पर कार्रवाई तय है।”

सीएम ने नेताओं को यह भी आगाह किया कि विपक्ष शांत रणनीति के साथ अधिकतम समर्थक मतदाता जोड़ने की कोशिश कर रहा है, इसलिए संगठन को भी बूथ-वार अभियान चलाकर हर परिवार से संपर्क करना होगा।

निर्देशों में शामिल मुख्य बिंदु

बूथ स्तर पर घर-घर सत्यापन

डुप्लीकेट व फर्जी प्रविष्टियों को अविलंब हटाना

जनप्रतिनिधियों की प्रत्यक्ष निगरानी

SIR कार्य समयसीमा के भीतर पूरा करने के सख्त निर्देश

सत्यापन कार्य में बाधा या हेरफेर की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई

आगे की रणनीति — समय सीमा तय

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि SIR प्रक्रिया और सूची सुधार निर्धारित समय सीमा, 11 दिसंबर तक पूर्ण किया जाए। इस तारीख तक सभी जिलों को संशोधित, पारदर्शी व शुद्ध मतदाता सूची प्रस्तुत करनी है।

लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने की दिशा में पहल

पश्चिमी यूपी में राजनीतिक रूप से तीखी प्रतिस्पर्धा और संवेदनशील चुनावी माहौल को देखते हुए यह कार्रवाई अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सूची-शुद्धीकरण मिशन सफल होता है, तो राज्य में आगामी चुनाव पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न होंगे और मतदाता-विश्वास भी मजबूत होगा।

फर्जी वोटिंग और संदिग्ध प्रविष्टियों के आरोपों को लेकर सीएम योगी का सख्त हस्तक्षेप इस बात का संकेत है कि प्रदेश सरकार मतदाता सूची के किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को स्वीकार करने के मूड में नहीं है।

यह मुहिम आने वाले चुनावों की ईमानदारी और लोकतांत्रिक भरोसे की परीक्षा भी है — और प्रशासन, संगठन और जनता — तीनों की संयुक्त भागीदारी से ही इसका परिणाम सार्थक रूप में सामने आएगा।

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