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उत्तर प्रदेश

मुजफ्फरपुर में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी- रील बनाने के दौरान नाबालिगों की लापरवाही, तीन कोच क्षतिग्रस्त — RPF ने की त्वरित कार्रवाई

मुजफ्फरपुर में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी- रील बनाने के दौरान नाबालिगों की लापरवाही, तीन कोच क्षतिग्रस्त — RPF ने की त्वरित कार्रवाई
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की एक गंभीर घटना सामने आई है।

यह घटना कांटी–मुजफ्फरपुर रेलखंड पर उस समय हुई, जब ट्रेन नरकटियागंज से मुजफ्फरपुर की ओर आ रही थी।

ट्रेन संख्या 26502 के गुजरने के दौरान रेल ट्रैक के पास खेल रहे और सोशल मीडिया के लिए रील बना रहे कुछ नाबालिग किशोरों ने अचानक ट्रेन पर पत्थर फेंक दिए।

इस पत्थरबाजी की वजह से वंदे भारत एक्सप्रेस की तीन बोगियों के शीशे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि घटना के समय किसी भी यात्री के घायल होने की सूचना नहीं है और ट्रेन की आवाजाही पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा।

घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने तुरंत मोर्चा संभाला। मौके पर पहुंची RPF टीम ने आसपास छानबीन कर तीन नाबालिग किशोरों को हिरासत में लिया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि किशोर ट्रेन के पास रील रिकॉर्ड कर रहे थे और उसी दौरान लापरवाही व शरारत में पत्थर चला दिया गया।

मामले को लेकर मुजफ्फरपुर रेल एसपी वीणा कुमारी ने बताया कि ट्रेन के गुजरने के समय पास में मौजूद किशोरों द्वारा पत्थर फेंके जाने से तीन कोच के शीशे क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना एक गंभीर अपराध है और इस तरह की घटनाओं को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले में नियमानुसार आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

रेल प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए यात्रियों और आम नागरिकों से अपील की है कि रेलवे ट्रैक के आसपास किसी भी प्रकार की असामाजिक, खतरनाक या लापरवाही भरी गतिविधियों से दूर रहें। साथ ही यदि कहीं भी इस तरह की हरकत नजर आए तो तुरंत रेलवे प्रशासन या RPF को सूचना दें, ताकि समय रहते कार्रवाई कर यात्रियों की सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि सोशल मीडिया के लिए रील बनाने की बढ़ती होड़ किस तरह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही है।

रेल प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी और जागरूकता अभियान को और मजबूत किया जाएगा।

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