'ट्रंप ने कहा वॉशिंगटन आइए, खाना खाएंगे-बातें करेंगे, लेकिन मैंने...', PM मोदी ने बताया कनाडा से अमेरिका क्यों नहीं गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे हुए हैं. जहां, ओडिशा सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत किए. इस दौरान पीएम ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही. पीएम ने कहा कि मैंने महाप्रभु जगन्नाथ की धरती पर आने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के न्योते को ठुकरा दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले मैं G7 समिट के लिए कनाडा में था. उस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुझे फोन किया और बड़े आग्रह के साथ निमंत्रण दिया. मैंने, अमेरिका के राष्ट्रपति से कहा, निमंत्रण के लिए आपका धन्यवाद, लेकिन मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना जरूरी है. इसलिए मैंने उनका निमंत्रण विनम्रता से मना किया. आपका प्रेम मुझे महाप्रभु की धरती तक खींच लाया है.
‘2014 से पहले 100 से अधिक जिले नक्सली हिंसा की चपेट में’
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक, ओडिशा के लाखों गरीब परिवार आयुष्मान योजना से बाहर थे. आज यहां केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना और राज्य सरकार की गोपबंधु जन आरोग्य योजना दोनों चल रही हैं. जिससे यहां के करीब 3 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है. 2014 से पहले देश के सवा सौ से अधिक आदिवासी जिले नक्सली हिंसा की चपेट में थे. बीते वर्षों में हमने आदिवासी समाज को हिंसा से बाहर निकालकर विकास के नए पथ पर ले जाने का काम किया है.
दुर्भाग्य से अतीत में जनजातीय समाज को उपेक्षा मिली- मोदी
पीएम ने कहा कि ओडिशा में तो बहुत बड़ी संख्या में जनजातीय समाज रहता है, लेकिन दुर्भाग्य से अतीत में उन्हें सिर्फ उपेक्षा मिली. लंबे समय तक जिस पार्टी ने देश पर शासन किया, उसने आदिवासियों को अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल किया. इन लोगों ने आदिवासी समाज को न विकास दिया न भागीदारी दी. इन लोगों ने देश के बड़े हिस्से को नक्सलवाद, हिंसा और अत्याचार की आग में धकेल दिया.
नक्सलवाद का खात्मा होगा, और यह मोदी की गारंटी है!
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई की है और आदिवासी क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी है. नतीजतन, नक्सली हिंसा अब सिर्फ 20 जिलों तक सीमित रह गई है. इस मुद्दे से निपटने के प्रयासों की मौजूदा गति के साथ, आदिवासी समुदाय नक्सलवाद की गिरफ्त से पूरी तरह मुक्त होने की राह पर है. देश से नक्सलवाद का खात्मा होगा और यह मोदी की गारंटी है.