लाल बहादुर शास्त्री ने दी प्रेरणा, फिर खुली ये खास लस्सी की दुकान… PM मोदी भी मुरीद

वाराणसी के रामनगर का शिव प्रसाद लस्सी भंडार, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रेरणा और आर्थिक सहयोग से स्थापित किया गया था. आज के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी ब्रांडिंग की है. इस गाढ़ी, मलाईदार लस्सी में रबड़ी का अनोखा स्वाद है.
यूं तो देश के हर शहर में लस्सी बनती है और बिकती है, लेकिन शायद ही कोई लस्सी की ऐसी दुकान के बारे में आपने सुना हो जो देश के किसी प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मदद से खुली हो और जिसकी ब्रांडिंग खुद एक प्रधानमंत्री करते हो. हम बात कर रहे हैं रामनगर की विश्व प्रसिद्ध शिव प्रसाद लस्सी भंडार की, जहां रूह को राहत देने वाली रबड़ी वाली लस्सी मिलती है. यहां की लस्सी के प्रति दीवानगी देखते ही बनती है.
देश और सूबे के अलग-अलग जगहों से जो लोग बनारस आते हैं वो यहां का जायका लेना नही भूलते. रामनगर के स्वर्गीय शिव प्रसाद महान स्वतंत्रता सेनानी और तत्कालीन रेल मंत्री भारत रत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के सहयोगी थे. अक्सर उनके साथ अलग-अलग जगहों पर जाया करते थे. स्वर्गीय शिव प्रसाद ने 1960 में रामनगर किले के ठीक बगल में एक चाय की दुकान खोली और लोगों को चाय पिलाने लगे.
1965 में हुई लस्सी भंडार की शुरुआत
किला घूमने आने वाले और अड़ीबाज यहां चाय पर बैठकी करने लगे. 1964 में जब नेहरू जी की मृत्यु के बाद शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बन गए तब शिव प्रसाद शास्त्री जी से मिलने दिल्ली गए. शास्त्री जी ने शिवप्रसाद से कहा कि ‘सिर्फ चाय बेचने से काम नही चलेगा कुछ और सोचना पड़ेगा’. 1965 में शास्त्री जी की प्रेरणा और 500 की आर्थिक मदद से शिव प्रसाद लस्सी भंडार अस्तित्व में आया.
‘काशी नरेश भी थे मुरीद’
स्वर्गीय शिव प्रसाद के बेटे बृजमोहन प्रसाद बताते हैं कि 60 साल पुराने इस लस्सी के मुरीद काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नारायण सिंह जी भी रहें. उनका विशेष स्नेह पिता जी को मिलता रहा. बृजमोहन प्रसाद कहते हैं कि उनका परिवार बहुत भाग्यशाली रहा जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में दो-दो पीएम का आशीर्वाद मिला. शास्त्री जी की प्रेरणा से उनके पिता जी ने दुकान खोली जबकि मोदी जी ने इस लस्सी की ब्रांडिंग खुद की.
प्रधानमंत्री मोदी ने की ब्रांडिंग
बृजमोहन प्रसाद बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर कभी आप बनारस जाते हैं तो रामनगर की लस्सी का जायका लेना मत भूलियेगा! बृजमोहन प्रसाद कहते हैं कि पिता जी ने साल 1965 में अठन्नी में लस्सी बेचना शुरू किया था. सन 1975 से मैंने बैठना शुरू किया और दो रूपये में बड़े कुल्हड़ में लस्सी देना शुरू किया. आज इसकी कीमत साठ रुपये पहुंच गई है. लस्सी के खासियत की बात करें तो लोग यहां लस्सी पीते नहीं बल्कि खाते हैं.
जानें क्या है लस्सी की खास बात
ऐसा इसलिए क्योंकि ये लस्सी बेहद गाढ़ी होती है. यहां लस्सी में आपको मोटी मलाई और रबड़ी का स्वाद भी मिलता है, जो इसे अपने आप में बेहद खास बनाता है. दही से लेकर रबड़ी सब उनके यहां ही तैयार किया जाता है. जिससे मिलावट न होने की गारंटी होती है. बृजमोहन प्रसाद कहते हैं कि मिलावट और बर्फ हम दोनों से परहेज करते हैं. टीवी 9 डिजिटल की टीम ने लस्सी पी रहे लोगों से जब पूछा कि यहां कि लस्सी में ऐसा क्या है जो इसने आपको दीवाना बना रखा है?
इसपर आजमगढ़ से आए एक बुजुर्ग ने जवाब दिया कि जब पारा 45 के करीब है और लू चल रही है, तब ये लस्सी सीधे रूह तक पहुंच कर राहत देती है.