पहले PDA चौपाल, फिर PDA पाठशाला... और अब स्नातकों को बना रहे मतदाता; क्या है सपा की रणनीति?

लखीमपुर। सपा ने पहले गांव-गांव पीडीए चौपाल लगाई और लोगों को जोड़ने का प्रयास किया। सांसदों, पूर्व विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों की चौपालों में जब भीड़ जुटने लगी तो संगठन इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मानने लगा।
उत्साहित पार्टी नेताओं ने संगठन की ओर से जिले की विधानसभाओं में पीडीए पाठशाला का आयोजन शुरू कर दिया। सपा ने पीडीए चौपाल और पीडीए पाठशाला के आयोजनों के बाद अब स्नातक एमएलसी चुनाव के लिए मतदाताओं को जोड़ने के लिए कमर कस ली है।
स्नातक एमएलसी चुनाव वर्ष 2026 के मई माह में होने हैं, लेकिन सपा ने इसे अभी से विशेष अभियान बना लिया है। जिलाध्यक्ष रामपाल यादव कहते हैं कि स्नातक एमएलसी चुनाव के लिए छात्रसभा के युवा कार्यकर्ताओं के साथ पूरे संगठन पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
स्नातक एमएलसी चुनाव में वर्ष 2023 तक स्नातक कर चुके लोगों को मतदाता बनाया जाना है। लखनऊ प्रभाग के अंतर्गत खीरी जिले के साथ लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव, प्रतापगढ़ और हरदोई जिला आता है। एक जिले से हर वर्ष 32 हजार से 35 हजार मतदाता तैयार किए जाते हैं।
सपा की कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा मतदाता बनाकर स्नातक एमएलसी चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश कर सके। मौजूदा समय में स्नातक कर चुके लोगों से फार्म भरवारा जा रहा है। नवंबर माह में फार्म समिट कराया जाएगा। सपा की जिला कार्यकारिणी की बैठक में सबसे ज्यादा जोर स्नातक एमएलसी चुनाव के लिए मतदाता बनाने पर दिया गया।
पार्टी जिलाध्यक्ष रामपाल यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि पीडीए चौपाल के दौरान देखा गया है कि गांवों और कस्बों में भाजपा सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी है और वे परिवर्तन के पक्षधर हैं। स्नातक एमएलसी चुनाव चुनाव में विजय का आधार बनेगी।
इसलिए अधिक से अधिक स्नातकों को मतदाता सूची में शामिल करना है और उन्हें सपा के पक्ष में लाना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सपा सरकार की वापसी के लिए छोटे से बड़े हर चुनाव में संगठन को मजबूत करना है।