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उत्तर प्रदेश

वडोदरा : उत्तर भारत सांस्कृतिक संघ (NICA) द्वारा 2 अक्टूबर को पोलो ग्राउंड में होगा ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव, मुख्यमंत्री को आमंत्रण सौंपा गया

वडोदरा : उत्तर भारत सांस्कृतिक संघ (NICA) द्वारा 2 अक्टूबर को पोलो ग्राउंड में होगा ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव, मुख्यमंत्री को आमंत्रण सौंपा गया
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

वडोदरा।

उत्तर भारत सांस्कृतिक संघ (North Indian Cultural Association – NICA) द्वारा इस वर्ष 2 अक्टूबर को पोलोग्राउंड में आयोजित होने जा रही रामलीला की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। वर्किंग कमिटी लगातार सक्रिय रहते हुए विभिन्न विभागों में ज़िम्मेदारियाँ निभा रही है।

मुख्यमंत्री को आमंत्रण

रामलीला कमेटी की पाँच सदस्यीय टीम गांधीनगर पहुँची और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने वडोदरा की इस सांस्कृतिक परंपरा की प्रशंसा करते हुए उपस्थित रहने की सहमति दी।

इसी क्रम में कला एवं संस्कृति मंत्री मुलुभाई बेरा और विधानसभा के मुख्य दंडक बालकृष्ण शुक्ल को भी आमंत्रण दिया गया। साथ ही गुजरात सरकार से वित्तीय सहयोग का अनुरोध किया गया, जिस पर सकारात्मक आश्वासन मिला।

गांधीनगर जाकर आमंत्रण सौंपने वाली टीम में –

रामकेश शर्मा (अध्यक्ष)

ए.के. मिश्रा (महासचिव)

माधुरी घोष (उपाध्यक्ष)

प्रदीप चौहान (उपाध्यक्ष)

प्रदीप चौबे (मीडिया प्रभारी)

शामिल थे।

आयोजन समिति की भूमिका

रामलीला आयोजन का समग्र संचालन वर्किंग कमिटी की देखरेख में किया जा रहा है। समिति मंचन अभ्यास, पुतला निर्माण, सुरक्षा प्रबंधन, आमंत्रण-पत्रिका, प्रचार-प्रसार और वित्तीय व्यवस्था जैसी जिम्मेदारियाँ संभाल रही है।

इस पूरे आयोजन का समन्वय सांस्कृतिक प्रमुख प्रवीण गुप्ता के नेतृत्व में किया जा रहा है।

विशेष आकर्षण

155 कलाकारों की टोली, जिनमें 4 वर्ष के बालक से लेकर 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ शामिल।

दिल्ली व अन्य राज्यों से आए कलाकारों का विशेष प्रदर्शन।

70 फुट ऊँचे रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन।

20 मिनट का भव्य आतिशबाज़ी कार्यक्रम।

तीन घंटे की नाट्य प्रस्तुति को देखने हर वर्ष लगभग 2 लाख दर्शक पोलोग्राउंड पर जुटते हैं।

मुख्य उद्देश्य

इस रामलीला का प्रमुख उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन, मर्यादा और सत्य की महत्ता से अवगत कराना है। यह आयोजन केवल मनोरंजन नहीं बल्कि संस्कृति, परंपरा और आस्था का अनुपम संगम है।

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