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उत्तर प्रदेश

गैंगरेप की झूठी FIR पर 7 साल की सजा, लखनऊ कोर्ट ने महिला पर 2.1 लाख जुर्माना लगाया

गैंगरेप की झूठी FIR पर 7 साल की सजा, लखनऊ कोर्ट ने महिला पर 2.1 लाख जुर्माना लगाया
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लखनऊ की एक अदालत में एक महिला ने झूठा गैंगरेप का मामला दर्ज किया था। अदालत ने जांच और सुनवाई के बाद यह पाया कि महिला ने जानबूझकर झूठी FIR दर्ज कराई थी, जिससे निर्दोष लोगों को परेशान किया गया। इसके लिए कोर्ट ने महिला को 7 साल की सजा और ₹2.1 लाख का जुर्माना दिया है।

कोर्ट का रुख:

अदालत ने कहा कि झूठे मामलों से न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग होता है और असली पीड़ितों की न्याय तक पहुँच मुश्किल हो जाती है।

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का ज़िक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसे झूठे मामलों को रोकने के लिए AI आधारित तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि शुरुआती जांच में ही असत्य मामलों की पहचान हो सके।

इस फैसले के मुख्य बिंदु:

झूठी शिकायतों पर सख्ती जरूरी: क्योंकि ये असली अपराधों की गंभीरता को कम करते हैं।

AI की मदद से प्रारंभिक जांच तेज और सटीक हो सकती है।

न्यायपालिका का सख्त संदेश: कानून का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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