छांगुर पर ED की कार्रवाई तेज,पुणे में मिली 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति

उत्तर प्रदेश में दर्जनों लड़के-लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराने वाले जलालुद्दीन करुमुल्ला उर्फ छांगुर बाबा दाढ़ीवाले ने विदेशी फंडिंग के जरिए करोड़ो की नामी-बेनामी संपत्ति भी बनाई.।प्रवर्तन निदेशालय के पास बाबा के कई ऐसी समपत्तियो के कागजात है, जिसकी जांच इनकम टैक्स, फेमा और ईडी के अधिकारी मिलकर कर रहे हैं. ऐसी ही कई संपत्तियां महाराष्ट्र के पुणे और मुंबई में भी है.
जानकारी केसे मुताबिक, जलालुद्दीन बाबा ने पुणे के मावल तहसील में अपने रैकेट के साथ मिलकर आदिवासियों से 16 करोड़ की जमीन का सौदा किया था. जिसकी आज मौजूदा कीमत 200 करोड़ से ज्यादा है. इस सौदे के प्रॉफिट में आधा हिस्सा बाबा छांगुर और उसके साथी नवीन रोहरा का है, जबकि आधा हिस्सा मोहम्मद अहमद खान और 3 आदिवासियों को मिलना था.
200 करोड़ के प्रॉफिट के लिए खरीदी जमीन
ये कागजात पुणे की उस 187 बिस्सा जमीन के है, जो छांगुर बाबा और उसके साथी बेचकर 200 करोड़ का प्रॉफिट कमाने वाले थे. साल 2023 के अगस्त महीने की 9 तारीख को इस जमीन का एमओयू बनाया गया था, जिसमें कुल 6 नाम थे, एमओयू 3 नवीन घनश्याम रोहरा, छांगुर करीमुल्ला और मोहम्मद अहमद खान के नाम पर बना था. इसके अलावा एमओयू में मारुति रामु साठे, सुन्दरबाई उर्फ साईं बाई पांडुरंग इंगुलकर और कांताबाई बालू तावरे का नाम जोड़ा गया था.
ईडी की जांच के केंद्र में महाराष्ट्र के मावल तहसील के लोनावला में स्थित एक जमीन डील है, जिसकी वर्तमान कीमत 200 करोड़ रुपए है. साल 2023 में इस जमीन को 16 करोड़ रुपए में खरीदा गया था, लेकिन इसके लिए जो शुरुआती भुगतान 49.80 लाख रुपए हुआ था, वह कथित तौर पर विदेशी फंडिंग के माध्यम से किया गया. इस जमीन की खरीददारी छांगुर बाबा के नाम पर नहीं, बल्कि उसके करीबी नवीन घनश्याम रोहरा के जरिए की गई, जिसे जांच में फ्रंट व्यक्ति बताया गया है.
बेनामी संपत्तियों का हुआ खुलासा
असली लाभार्थी खुद छांगुर बाबा ही है. छांगुर बाबा का नाम दूसरे नंबर पर है. ईडी के मुताबिक, छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने 300 करोड़ रुपए से अधिक की बेनामी संपत्तियां जुटाई हैं, पुणे में तीन आलीशान फ्लैट, एक ट्रस्ट (Aasvi Charitable Trust) और 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए की संदिग्ध धनराशि ट्रैक की गई है. इन खातों में से 18 खातों में केवल तीन महीनों में 68 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है, जिसमें 7 करोड़ विदेशी चंदे के रूप में दर्ज किया गया है.
बाबा ने किया छुपकर निवेश
जमीन डील से संबंधित एमओयू की शर्तें भी संदेह के घेरे में हैं. इसमें लिखा गया था कि यदि जमीन 8 जुलाई 2024 तक न बिके, तो पूरी राशि लौटाई जाएगी. अगर जमीन बिक जाती है, तो लाभ का आधा हिस्सा छांगुर बाबा और रोहरा को मिलेगा. यह दर्शाता है कि बाबा ने छुपकर निवेश किया था. साफ है कि ये 200 करोड़ की जमीन डील और विदेशी फंडिंग से जुड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट का मामला है और छांगुर बाबा पर ED और STF की कड़ी निगरानी लगी है.
छांगुर बाबा मनी लॉन्ड्रिंग में भी लिप्त
ईडी सूत्रों के अनुसार, धर्मांतरण के नाम पर देशभर में फैले एक संगठित रैकेट का पर्दाफाश हो गया है, जिसका सरगना कोई और नहीं बल्कि स्वयंभू ‘बाबा’ जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) और उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त जांच में यह खुलासा हुआ है कि बाबा न केवल धार्मिक छल और हनी ट्रैप के जरिए हजारों लोगों को धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था, बल्कि विदेशी चंदे और बेनामी जमीन सौदों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में भी लिप्त था.
कोडवर्ड्स में होती थी बातें
इसके साथ ही बाबा जलालुद्दीन के कोडवर्ड्स से धर्मांतरण रैकेट चलाने का भी पता चला है. जांच में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, छांगुर बाबा और उसके सहयोगी युवतियों को बहला-फुसलाकर या डराकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करते थे. STF की जांच में यह सामने आया कि गिरोह के सदस्य आपसी संवाद में गुप्त कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे. प्रोजेक्ट शब्द का इस्तेमाल युवतियों को टारगेट करने के लिए किया जाता था.
देशभर में फैला हुआ था नेटवर्क
मिट्टी पलटना का कोडवर्ड धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल किया जाता था. काजल लगाना का मतलब मानसिक प्रभाव या लालच देकर बहकाना होता था और दर्शन का मतलब छांगुर बाबा से पहली मुलाकात होता था. यह गिरोह आध्यात्मिक चिकित्सा, शिक्षा और जनकल्याण के नाम पर धर्मांतरण करता था. यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में इसका नेटवर्क फैला हुआ था. छांगुर बाबा का नेटवर्क उसकी विश्वासपात्र नीतू उर्फ नसरीन और पति नवीन रोहरा के माध्यम से संचालित होता था.
नीतू ने 2015 में अपनाया इस्लाम
नीतू मूल रूप से सिंधी हिंदू थी, जिसने 2015 में इस्लाम अपनाया और महिलाओं को आध्यात्मिक सहायता के नाम पर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने लगी. वहीं, रोहरा आर्थिक सहायता और कर्ज के बदले धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता था. ED ने रोहरा के UAE के 19 दौरे ट्रैक किए हैं. आशंका जताई जा रही है कि ये दौरे हवाला नेटवर्क, NGO फंडिंग या अंतरराष्ट्रीय इस्लामी नेटवर्किंग से जुड़े हो सकते हैं.
इस मामले में अप्रैल 2025 नवीन रोहरा गिरफ्तार हुआ जबकि जून 2025 में छांगुर बाबा, पत्नी नीतू और बेटा लखनऊ से गिरफ्तार किए गए. वहीं, बाबा पर गैर-जमानती वारंट और 50,000 का इनाम घोषित था. गिरफ्तारी के बाद बाबा की कई संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई. एक 16 साल लड़की ने आरोप लगाया कि आमर हुसैन नाम के युवक ने उसे प्रेम जाल में फंसाया और दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह में छांगुर बाबा से मिलवाया.
वहां उससे नमाज पढ़वाई गई और इस्लाम अपनाने का दबाव बनाया गया. इसी तरह, एक सफाईकर्मी संजीत कुमार ने आरोप लगाया कि उसे बाबा ने कार, मकान और बेटी की शादी के खर्च का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया. मना करने पर उसे गोली मारने की धमकी दी गई थी.