Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

डीएम ने अचानक सरकारी अस्पताल में मारा छापा, जमीन पर बैठे मिले मरीज; CMO-ACMO से जवाब-तलब

डीएम ने अचानक सरकारी अस्पताल में मारा छापा, जमीन पर बैठे मिले मरीज; CMO-ACMO से जवाब-तलब
X

कानपुर। डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह मंगलवार सुबह उर्सला अस्पताल पहुंचे तो हर तरफ बदइंतजामी देख दंग रह गए। बोले- बजट मिल रहा पर मरीज जमीन पर बैठे हैं। एसीएमओ-डॉक्टर से कर्मी तक नदारद हैं। परिसर में सड़क खराब है। आयुष्मान वार्ड में मरीज कम हैं। कर्मी समय पर नहीं आते हैं। अरे, पेशे को बदनाम नहीं करो। सरकारी डॉक्टर हो। सेवाभाव के साथ काम कीजिए। निजी प्रैक्टिस छोड़िए। मरीजों-तीमारदारों को सुविधाएं दो कि उन्हें निजी अस्पताल जाना ही न पड़े। आम जन तक सुविधाएं पहुंचाएं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कंट्रोल रूम में निरीक्षण के समय डीएम को पता चला कि नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ.आरके गुप्ता बिना कार्यालय में आए मीटिंग में चले गए। सीएमओ कार्यालय के 30 से 35 कर्मचारी उर्सला अस्पताल में संबद्ध मिले, जबकि इतने की आवश्यकता नहीं है।

जमीन पर बैठे मिले मरीज

20 बेड के आयुष्मान वार्ड में कुल आठ मरीज भर्ती मिले पर डॉक्टर नदारद रहे। इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। 15 से 20 मिनट डीएम वहां रहे पर कोई डॉक्टर नहीं आया। उर्सला के निदेशक के अधीनस्थ कर्मचारियों के उपस्थिति रजिस्टर को देखने पर पता चला कि लिपिक किरण व कर्मचारी राकेश मौर्य नदारद हैं। डॉयरेक्टर हेल्प डेस्क व सीएमओ के हेल्प डेस्क पर ताला लगा मिला।


चिकित्सालय के अंदर सड़क खराब मिली, जिससे एंबुलेंस आवाजाही में दिक्कत दिखी। मरीजों के बैठने की व्यवस्था नहीं थी। कई जमीन पर बैठे मिले। इस पर डीएम नाराज हुए।

उन्होंने लापरवाही व अनुशासनहीनता पर एसीएमओ डॉ. आरके गुप्ता, सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को कारण बताओ नोटिस देने, तीनों अनुपस्थित डॉक्टर-कर्मियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए। कहा, सड़क ठीक कराएं। निदेशक व सीएमओ स्वयं मरीजों का ओपीडी में उपचार करें। रजिस्टर की जांच करें कि कर्मचारी समय पर हैं या नहीं। दवाएं, मरीजों के बैठने की व्यवस्था करें।

दिखा असर...इलाज करने लगे निदेशक

जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों के 389 मरीज देखने की बात सामने आई। उन्होंने कहा, 16 जनवरी से सभी सीएमओ, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ व डॉ. यरेक्टर को भी मरीज देखने हैं पर यहां शुरुआत तक नहीं हुई। इसका असर दोपहर बाद ही दिखने लगा। उर्सला के निदेशक स्वयं मरीजों को देखने लगे। उन्होंने इसका फोटो भी जारी किया।

Next Story
Share it