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उत्तर प्रदेश

उन्नाव रेप केस: पूर्व BJP विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली HC से जमानत, उम्रकैद की सजा पर लगाई रोक

उन्नाव रेप केस: पूर्व BJP विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली HC से जमानत, उम्रकैद की सजा पर लगाई रोक
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उन्नाव रेप केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर को शर्तों के साथ जमानत दी है. इसके साथ ही उन्हें जो उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, हाई कोर्ट ने उस पर भी रोक लगा दी है. निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया.

कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को 15 लाख के बॉन्ड पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि सेंगर को 15 लाख रुपये का निजी मुचलका भरना होगा और इतनी ही रकम के तीन जमानतदार पेश करने होंगे. इसके साथ ही शर्तें भी लगाईं.

इन शर्तों के साथ कोर्ट ने दी सेंगर को जमानत

सेंगर पीड़िता से 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं आएगा और दिल्ली में ही रहेगा.

सेंगर पीड़िता को धमकी नहीं देगा.

सेंगर को अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करेगा.

हर सोमवार को पुलिस को रिपोर्ट करना होगा.

किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी.

अगर भविष्य में उसकी सजा बरकरार रहती है, तो उसे बाकी की सजा काटने के लिए अदालत में पेश होना होगा.

अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को

इस केस की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को होगी. उस दिन आपराधिक अपील और आवेदन को चीफ जस्टिस के आदेशों के अधीन रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. इस साल की शुरुआत में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में मोतियाबिंद की सर्जरी कराने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी. पिछले साल दिसंबर में भी उन्हें इसी तरह की राहत दी गई थी.

2019 में मिली थी उम्र कैद की सजा

निचली अदालत ने दिसंबर 2019 में सेंगर को बलात्कार मामले में दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने सीबीआई को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि पीड़िता और उसके परिवार को पूरी सुरक्षा मिले. निचली अदालत ने सेंगर को सजा सुनाते हुए कहा कि उसके अपराध इतने गंभीर थे कि सजा को कम करने का कोई कारण नहीं था. एक चुने हुए प्रतिनिधि के रूप में लोगों ने सेंगर पर भरोसा किया, लेकिन उसने उस भरोसे को तोड़ा. उसने जो घिनौना काम किया है, उसके लिए वह कड़ी सजा का हकदार है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार से जुड़े चारों मामलों की सुनवाई दिल्ली ट्रांसफर कर दी थी और आदेश दिया था कि इसकी सुनवाई प्रतिदिन के आधार पर की जाए और 45 दिनों के भीतर पूरी की जाए. इसके बाद से इससे जुड़े मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो रही है.

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