गांव के किसान पुत्र शैलेष कुमार यादव ने बढ़ाया भारत का मान — ASCE की डिजिटल लाइब्रेरी में प्रकाशित हुआ शोध

कुशीनगर।
कुशीनगर जनपद के रामकोला विकास खंड अंतर्गत ग्राम सिधावें पठान पट्टी निवासी किसान भगवन्त यादव के पुत्र और आईआईटी पटना के शोधार्थी शैलेष कुमार यादव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। उनका शोध-पत्र अमेरिका की प्रतिष्ठित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स (ASCE) की डिजिटल लाइब्रेरी में चयनित होकर प्रकाशित हुआ है।
शैलेष के शोध का विषय है —
“बांस बायोचार से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार” (Improvement of Soil Quality Using Bamboo Biochar)।
आईआईटी पटना के प्रोफेसर रामकृष्ण बाग के साथ किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि बांस से बने बायोचार के उपयोग से मिट्टी की जल-धारण क्षमता, संपीड़नशीलता और हाइड्रोलिक कंडक्टिविटी (Hydraulic Conductivity) में उल्लेखनीय सुधार होता है। यह तकनीक लैंडफिल कवर (Landfill Cover) के लिए प्राकृतिक मिट्टी को संशोधित करने में अत्यंत उपयोगी साबित हो सकती है।
यह शोध अंतरराष्ट्रीय जर्नल “जर्नल ऑफ मैटेरियल्स इन सिविल इंजीनियरिंग” (Journal of Materials in Civil Engineering) में प्रकाशित हुआ है, जिसे ASCE की टीम ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चुना है — यह भारत के लिए गौरव का विषय है।
ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े किसान परिवार के पुत्र शैलेष ने जब यह उपलब्धि अपने माता-पिता को बताई, तो गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने कहा कि यह पूरे क्षेत्र के लिए सम्मान का क्षण है।
शैलेष का कहना है —
“हमारा प्रयास है कि प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए मिट्टी और पर्यावरण दोनों का संरक्षण किया जाए।”
इस उपलब्धि पर सांसद विजय दूबे, पूर्व सांसद बालेश्वर यादव, विधायक पी.एन. पाठक, उत्तर प्रदेश भूमि विकास बैंक सभापति संतराज यादव, पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, प्रो. महेंद्र पांडेय, प्राचार्य डा. ममता मणि, और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शैलेष को बधाई दी है।
गांव आगमन पर शैलेष कुमार यादव को सम्मानित करने की तैयारी भी की जा रही है।




