बसपा सुप्रीमो मायावती ने संत रविदास की 647 वीं जयंती पर उन्हें नमन किया और उनके अनुयायियों को शुभकामनाएं दी
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने संत रविदास की जयंती के अवसर पर उनके अनुयायियों को बधाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने उनके नाम पर की जा रही राजनीति को लेकर भी सवाल उठाए. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि संत रविदास ने हमेशा इंसानियत और जनसेवा के लिए समर्पण का संदेश दिया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने एक्स पर संत रविदास जयंती के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उपदेशों को अपनाकर जीवन संवारने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ’’मन चंगा तो कठौती में गंगा’’ का लोगों को अमर संदेश देने वाले महान संतगुरु रविदास जी को आज उनकी जयन्ती पर शत्-शत् नमन व श्रद्धा-सुमन अर्पित तथा देश-दुनिया में रहने वाले उनके सभी अनुयाइयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें तथा उनके उपदेशों को अपनाकर जीवन संवारने का आह्वान."
मायावती ने दी संत रविदास जयंती की शुभकामनाएँ
मायावती ने संत रविदास के कहे वचनों को याद करते हुए उनके नाम पर हो रही राजनीति से भी लोगों को बचने की सलाह दी और कहा- "उनका संदेश अपने कर्म से धर्म को, संकीर्ण राजनीतिक एवं चुनावी स्वार्थ आदि के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत व जनसेवा के लिए समर्पन का है, जिसे भुला दिये जाने के कारण बहुजनों का जीवन यहाँ अनेकों समस्याओं से त्रस्त. राजनीतिक स्वार्थ हेतु उनको माथा टेकने वालों से सावधानी जरूरी."
बसपा सुप्रीमो मायावती सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव रहती है. वो अक्सर अपनी बात को यहां रखती है. बसपा नेता ने इस बार लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने का एलान किया है. वो न तो एनडीए के साथ हैं और न ही इंडिया गठबंधन में शामिल हुई हैं. हालांकि उनका ये फैसला इस बार पार्टी पर भारी पड़ सकता है. पार्टी के कई नेता उनके इस फैसले से नाराज हैं. यहीं नहीं सूत्रों की मानें तो बसपा के सभी दस सांसद चुनाव से पहले बसपा को छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो सकते हैं. ये सभी बीजेपी, सपा और कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं.