चंदौली: मुगलसराय में बेखौफ चोरों का आतंक, पुलिस बेबस—पांच बड़ी वारदातें,करीब 50 लाख की चोरी

विशेष रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
मुगलसराय, चंदौली: खबर जनपद चंदौली से है जहां मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से स्थानीय लोगों में जबरदस्त दहशत व्याप्त है। पुलिस की तमाम कोशिशों और वादों के बावजूद चोरों का गिरोह न केवल सक्रिय है, बल्कि बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहा है। एक महीने के अंदर में हुई पांच बड़ी चोरियों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सबसे ताजा घटना मढ़िया मोहल्ले की है, जहां नेपाल छुट्टियां मनाने गए परिवार के सूने घर में चोरों ने 25 लाख रुपये के जेवरात और नकदी पर हाथ साफ कर दिया। इससे पहले कटेसर पंचायत भवन से करीब डेढ़ लाख रुपये मूल्य के सामान जिसमें लैपटॉप, प्रिंटर, कंप्यूटर और इनवर्टर शामिल था, चुरा लिया गया।
इसी कटेसर गांव में दो घरों को भी निशाना बनाया गया। एक घर सीआरपीएफ जवान का था जहां से चोर 10 लाख की चोरी कर ले गए, वहीं एक ऑटो चालक के घर से ढाई लाख के जेवर और नकदी गायब कर दिए गए।
इन सभी घटनाओं की अहम बात यह है कि ये सब मौजूदा थाना प्रभारी गगन राज सिंह के कार्यकाल में हुई हैं। हाईटेक नीति अपनाकर मामले का खुलासा करने के लिए चर्चित थाना प्रभारी के आने के बाद भी चोरों के हौसले में कोई कमी नहीं आई, चोरों के हौसले इतने बढ़ गए है कि अब वे न तो किसी को बख्श रहे हैं और न ही किसी डर का भाव उनके भीतर दिख रहा है।
पुलिस की नाकामी सवालों के घेरे में
पुलिस की खुफिया तंत्र, सर्विलांस सिस्टम, त्रिनेत्र तकनीक, और गश्त—सभी उपाय इन चोरियों को रोकने में विफल साबित हुए हैं। जबकि चोरी की इन हालिया घटनाओं से पहले भी 10 से 15 वारदातें मुगलसराय क्षेत्र में हो चुकी हैं, जिनका अभी तक कोई सुराग तक नहीं मिला है।
स्थानीय लोग पुलिस से अब भरोसा खो चुके हैं। हर घटना के बाद एक ही जवाब—"जांच जारी है, जल्द खुलासा होगा"—अब बेमानी लगने लगा है। सवाल यह है कि आखिर कब तक पुलिस केवल आश्वासन देती रहेगी और चोरों को खुला मैदान मिलता रहेगा?
क्या सिर्फ "आश्वासन" ही पुलिस की रणनीति है?
चोरी की इन घटनाओं ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोली है, बल्कि लोगों में गहरी असुरक्षा की भावना भी पैदा कर दी है। उच्चाधिकारी भले ही बार-बार जल्द खुलासे का रटा-रटाया जुमला दोहरा रहे हों, लेकिन ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही है। तभी तो चोरों ने मात्र एक महीने के अंदर करीब पचास लाख से अधिक रुपए की वारदात को अंजाम देकर, नए तलाश और जुगाड की ओर अग्रसर हैं।
अब यह देखना अहम होगा कि पुलिस प्रशासन केवल बयानबाजी में ही अपनी जिम्मेदारी पूरी समझता है या फिर वाकई ठोस रणनीति बनाकर इस गिरोह पर शिकंजा कसता है। क्योंकि अगर यही हालात रहे, तो मुगलसराय क्षेत्र में कानून-व्यवस्था केवल नाम की रह जाएगी।