केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह समेत 5 के खिलाफ FIR का आदेश, क्या है मामला?

गोंडा जिले की एक अदालत ने पुलिस को केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने यह आदेश भूमि विवाद के मामले में दिया है. मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के साथ – साथ उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह और तीन अन्य के खिलाफ कथित भूमि विवाद मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया. अधिकारियों के अनुसार, यह आदेश सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट (सिविल जज, सीनियर डिवीजन) की स्पेशल जज अपेक्षा सिंह ने जारी किया.
स्पेशल जज अपेक्षा सिंह ने मनकापुर थाने को कीर्ति वर्धन सिंह, राजेश सिंह, पिंकू सिंह, सहदेव यादव और कांति सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. मनकापुर क्षेत्र के भिटौरा एरिया में रहने वाले अजय सिंह ने शिकायत दर्ज की. अजय सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 173(4) के तहत अदालत में याचिका दायर कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी.
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता अजय सिंह का आरोप है कि उनकी पत्नी मनीषा सिंह के नाम रजिस्टर्ड जमीन को धोखे से फिर से ट्रांसफर कर दिया गया. इसके लिए असली बेचने वाली, बिट्टन देवी, को बहला-फुसलाकर और दबाव डालकर, 3 साल पुराने स्टांप पेपर पर बैकडेटेड सेल डीड (पुरानी तारीख डालकर बिक्री का कागज) बना दिया गया, जो मिथिलेश रस्तोगी और कांती सिंह के नाम पर किया गया.
उन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने शिकायत की, तो पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए, जिससे आरोपों की पुष्टि हुई. एसपी के निर्देश पर, पुलिस ने 2024 में विक्रेता और खरीदारों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया, लेकिन बाद में फाइनल रिपोर्ट देकर मामले को बंद कर दिया.
अजय सिंह ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
अजय सिंह ने कहा कि उन्होंने मामले को क्लोज किए जाने पर मार्च आपत्ति जताई. मार्च 2025 में, अदालत ने अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया और आगे की जांच का आदेश दिया, यह जांच अभी भी चल रही है. उन्होंने आगे कहा, इस बीच, राजेश सिंह ने कथित तौर पर 2024 में स्थानीय पुलिस स्टेशन में अजय सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि आगे की जांच के लिए अदालत के आदेश के बाद, राजेश सिंह ने कथित तौर पर कपल को परेशान करने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया.
अपने ड्राइवर रिंकू सिंह के जरिए से, राजेश सिंह ने कथित तौर पर कपल के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत एक और मामला दर्ज करवाया, जिसका मकसद जमीन भूमि के विवाद को सुलझाने के लिए उन पर दबाव बनाना था.
अजय सिंह ने लगाए कई आरोप
अजय सिंह ने आरोप लगाया कि उसके बाद से आरोपी उन्हें विवादित भूमि से संबंधित मामलों को आगे न बढ़ाने और समझौता करने के लिए धमका रहे हैं. चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने समझौता करने से इनकार किया तो उनके परिवार को मार दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पुलिस से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि राजेश सिंह ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए से मामले की जानकारी मिली है और वो अदालत के आदेश की कॉपी मिलने के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे.