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उत्तर प्रदेश

पीडीडीयू जंक्शन पर पार्किंग माफियाओं का कब्जा!36 घंटे के शुल्क पर 72 घंटे का वसूली रैकेट, विरोध करने पर यात्रियों को धमकी

पीडीडीयू जंक्शन पर पार्किंग माफियाओं का कब्जा!36 घंटे के शुल्क पर 72 घंटे का वसूली रैकेट, विरोध करने पर यात्रियों को धमकी
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विशेष रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल...

चंदौली/मुगलसराय: देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शुमार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर पार्किंग संचालन में जबरदस्त अनियमितता और मनमानी का खुलासा हुआ है। यहां पार्किंग संचालक रेलवे यात्रियों से तय दरों से कहीं अधिक शुल्क वसूल रहे हैं, वह भी गैरकानूनी तरीके से। नियमानुसार तय समय से कुछ ही मिनट अधिक खड़ा वाहन होने पर भी यात्रियों से पूरे अगले दिन का किराया ठोंक दिया जाता है। हालांकि इस बाबत जनता की आवाज ने कई बार इस मुद्दे की खबर गंभीरता से प्रकाशित रेलवे महकमें के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया था, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता सामने आई।

डॉ. संतोष सिंह ने खोला पोल, पार्किंग माफिया का बेखौफ राज

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), बिहार के प्रदेश सचिव डॉ. संतोष कुमार सिंह के साथ घटी एक घटना ने इस पूरे सिस्टम की कलई खोल दी है। डॉ. सिंह ने 13 जून की रात 8:43 बजे अपनी स्कूटी पीडीडीयू जंक्शन पर पार्क की थी। 15 जून को सुबह 8:45 बजे लौटने पर उनसे 36 घंटे की पार्किंग के लिए पूरे 72 घंटे का शुल्क वसूला गया — यानी ₹90।

जब डॉ. सिंह ने आपत्ति जताई तो पार्किंग कर्मियों ने न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि रसीद पर मुहर लगाते हुए कहा —हम जो चाहें, वसूलते हैं… हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यह रवैया बताता है कि पार्किंग व्यवस्था पर एक संगठित माफिया का कब्जा है जिसे न नियमों की परवाह है, न ही प्रशासन का डर। वहीं 18 जून को एक अन्य यात्री की गाड़ी सुबह 11:39 बजे पार्क हुई। लौटने में गाड़ी खोजने में तीन मिनट की देरी हुई और समय 11:42 हो गया। संचालकों ने पूरे दिन यानी ₹30 का अतिरिक्त किराया वसूल लिया। ऐसी घटनाएं यहां आम हो चुकी हैं। प्रतिदिन 15–20 लोग इस गैरकानूनी वसूली के शिकार हो रहे हैं।

चार महीने में तीन गुना बढ़ा किराया, कोई जवाबदेही नहीं

पार्किंग दरों में हाल के महीनों में भारी उछाल आया है। पहले जहाँ 24 घंटे की दोपहिया पार्किंग ₹10 में होती थी, अब यह ₹30 हो गई है। लेकिन दरें बढ़ाने के साथ-साथ नियमों की अवहेलना और अवैध वसूली ने हालात और भी बदतर बना दिए हैं। मामले पर वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक राजीव रंजन ने कहा है कि मनमाना शुल्क वसूले जाने की जानकारी मिली है। जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।लेकिन यह बयान तब आया जब शिकायतकर्ता डॉक्टर स्वयं प्रशासन से संपर्क कर चुके थे। इससे पहले ऐसी घटनाओं पर कोई स्वत: संज्ञान नहीं लिया गया।

बता दें कि पीडीडीयू जंक्शन पर पार्किंग संचालन अब एक सुव्यवस्थित लूटतंत्र बन चुका है। जो यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठा रहा है। यह न केवल रेलवे की छवि धूमिल करता है,बल्कि आम लोगों की जेब पर सीधा डाका डालता है। जब तक रेलवे महकमा ऐसे गंभीर मामलों पर केवल जांच की बात करता रहेगा और ठोस कार्रवाई नहीं होगी,तब तक यह माफिया बेलगाम ही रहेगा।





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