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लखनऊ में ईडी की बड़ी कार्रवाई : लाला जुगल किशोर की 300 करोड़ की संपत्ति जब्त, जमीन सौदों में फर्जीवाड़े का खुलासा

लखनऊ में ईडी की बड़ी कार्रवाई : लाला जुगल किशोर की 300 करोड़ की संपत्ति जब्त, जमीन सौदों में फर्जीवाड़े का खुलासा
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डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी

लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में बड़ी कार्रवाई करते हुए जाने-माने कारोबारी लाला जुगल किशोर की करीब 300 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियां जब्त कर लीं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति अर्जन से जुड़े मामलों में की गई है। जांच एजेंसी का कहना है कि इन संपत्तियों की खरीद में भारी वित्तीय अनियमितताओं और नकद लेन-देन की संभावना है।

सूत्रों के अनुसार, जुगल किशोर ने रोहतास ग्रुप के साथ मिलकर करोड़ों की संपत्तियां मात्र 20 करोड़ रुपये में खरीदीं, जबकि उनकी वास्तविक बाजार कीमत लगभग 150 करोड़ रुपये थी। यह सौदेबाजी सरकारी नियमों और मूल्यांकन प्रक्रिया को दरकिनार कर की गई थी।

जब्त की गई संपत्तियों में सुल्तानपुर, सीतापुर और बाराबंकी रोड पर स्थित पांच प्रमुख भूखंड शामिल हैं। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, इन भूखंडों की खरीद-फरोख्त में कीमतों को कृत्रिम रूप से घटाकर दिखाया गया, ताकि स्टांप ड्यूटी और टैक्स से बचा जा सके। जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई शुरू होने से पहले, जुगल किशोर ने इन संपत्तियों को 18 से 20 करोड़ रुपये में बेच दिया था, जबकि उनकी बाजार कीमत 300 करोड़ रुपये से अधिक थी।

ईडी अधिकारियों को शक है कि इन लेन-देन में 100 करोड़ रुपये से अधिक की नकद राशि का उपयोग हुआ है, जो मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। एजेंसी ने अब जुगल किशोर और उनसे जुड़े खातों, कंपनियों तथा दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है।

इसके अलावा, स्टांप ड्यूटी चोरी और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल से संबंधित कई तथ्य भी सामने आए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, संपत्ति खरीद-बिक्री के दौरान दस्तावेजों में हेरफेर कर सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि जुगल किशोर ने कई शेल कंपनियों (फर्जी कंपनियों) के जरिए निवेश और लेन-देन किए। एजेंसी इन कंपनियों के निदेशकों और उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों से पूछताछ करने की तैयारी में है।

लाला जुगल किशोर का नाम पहले भी कई विवादित भूमि सौदों में सामने आ चुका है। अब ईडी की इस कार्रवाई ने प्रदेश के कारोबारी और राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस प्रकरण से जुड़े कई और नामों का खुलासा हो सकता है।

प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि यह मामला सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भूमि घोटाले, स्टांप चोरी और फर्जी कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी जैसे गंभीर अपराध जुड़े हुए हैं। जांच पूरी होने के बाद एजेंसी आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में है, जिससे कई प्रभावशाली व्यक्तियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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