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मोदी 3.0 टीम को इन चुनौतियों का करना होगा सामना

मोदी 3.0 टीम को इन चुनौतियों का करना होगा सामना
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नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद विभागों का बंटवारा कर दिया है. सोमवार शाम 6:30 बजे इसका ऐलान हुआ. मोदी सरकार 3.0 में अमित शाह को फिर से गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री बनाया गया है. राजनाथ सिंह दूसरी बार रक्षा मंत्री बनाए गए हैं. नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे. निर्मला सीतारमण दूसरी बार वित्त मंत्रालय संभालेंगी. जबकि नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्री बनाया गया है. वहीं, विदेश मंत्रालय इस बार भी एस जयशंकर के पास रहेगा.

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान नए कृषि मंत्री होंगे. वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा और आवास मंत्रालय मिला है. आइए जानते हैं. मोदी 3.0 के नए मंत्रियों के सामने होंगी कौन-कौन सी चुनौतियां:-

निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्री):- निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी लगातार पांच वर्षों तक वित्त मंत्री रह चुकी हैं. इस दौरान उन्होंने सरकार के आर्थिक एजेंडा को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनकर सामने आया. 18 जून से शुरू हो रहे संसद सत्र में सीतारमण अगले महीने नई सरकार का पहला बजट पेश करते समय सरकार के आर्थिक एजेंडा को सामने रख सकती हैं. हालांकि, वित्त मंत्री के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा. उन्हें मुद्रास्फीति पर कोई असर डाले बगैर आर्थिक वृद्धि को तेज करने के उपायों पर विचार करना होगा. इसके साथ ही उन्हें गठबंधन सरकार की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए संसाधनों की तलाश भी करनी होगी.

इसके साथ ही टैक्स रेवेन्यू में उछाल के बावजूद नॉन-टैक्स रेवेन्यू एक चुनौती बना हुआ है. इसकी वजह यह है कि रणनीतिक विनिवेश न के बराबर है. शिपिंग कॉरपोरेशन, NMDC स्टील लिमिटेड, BEML, PDIL और HLL लाइफकेयर सहित कई केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों की रणनीतिक बिक्री अभी प्रक्रिया में है. IDBI बैंक भी सुरक्षा और बोलीदाताओं की उचित सम्यक मंजूरी में फंस गया है. निर्मला सीतारमण को इन मामलों पर भी सही तरीके से काम करना होगा.

पीयूष गोयल ( वाणिज्य व उद्योग मंत्री) :- पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट गोयल विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बैठकों में भारतीय किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए कड़ा रुख अपनाने के लिए जाने जाते हैं. गोयल ऐसे समय में कार्यभार संभालेंगे, जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मांग में मंदी के कारण 2023-24 में भारत का व्यापारिक निर्यात 3.1 प्रतिशत घटकर 437 अरब अमेरिकी डॉलर पर आ गया. इसके साथ ही भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में भी 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया (टेलीकॉम मंत्री):- करीब डेढ़ दशक बाद दूरसंचार मंत्रालय में वापस लौटे नए दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने इस महीने के अंत में होने वाली 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को पूरा करने की जिम्मेदारी है. स्पेक्ट्रम नीलामी में 96,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्पेक्ट्रम का अलॉटमेंट किया जाना है. इसके अलावा सिंधिया को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं, एलन मस्क के नेतृत्व वाले स्टार्टलिंक के लिए सुरक्षा मंजूरी जैसे मुद्दों को भी प्राथमिकता देनी होगी. उन्हें नए दूरसंचार अधिनियम के लिए नियम भी तैयार करने होंगे. सिंधिया को 100 दिवसीय एजेंडा पर काम शुरू करना होगा, जिसमें दूरसंचार क्षेत्र के लिए स्पष्ट प्राथमिकता वाले क्षेत्र, मसौदा और लक्ष्य रेखांकित किए जाने हैं.

जी किशन रेड्डी ( कोयला, खान मंत्रालय):- जी किशन रेड्डी को मोदी 3.0 सरकार में नया कोयला और खान मंत्री नियुक्त किया गया है. रेड्डी की सबसे बड़ी चुनौती पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई सुनिश्चित करना होगा. इसके साथ ही उन्हें निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, कोयला गैसीकरण और कोल बेड मीथेन के उत्पादन का विस्तार करने पर जोर देना होगा.


मनसुख मंडाविया (खेल मंत्री):- कोविड-19 महामारी के 2021 में चरम पर होने के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका निभाने वाले मनसुख मंडाविया को अनुराग ठाकुर की जगह भारत का नया खेल मंत्री नियुक्त किया गया. खेल मंत्री के रूप में अनुराग ठाकुर के कार्यकाल के दौरान भारत ने पहली बार 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए एक महत्वाकांक्षी दावेदारी शुरू करने की भी शुरुआत की. मांडविया को इस ओर बेहतर काम करके दिखाना होगा. इसके साथ ही WFI के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन करने वाले रेसलर्स को भी साथ लाना उनके लिए एक चुनौती होगी.

प्रहलाद जोशी (रेन्यूएबल एनर्जी मंत्री):- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रबल समर्थक और लंबे समय से BJP कार्यकर्ता प्रह्लाद जोशी को नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री बनाया गया है. वह आरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हारने वाले आर के सिंह की जगह लेंगे. उनकी मुख्य चुनौती देश में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को आगे बढ़ाने की है. सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रोलाइजर की मैन्युफैक्चरिंग कैपासिटी स्थापित करने के लिए 19,744 करोड़ रुपये अलॉट किए हैं. इसके अलावा, जोशी को हर साल 50 गीगावाट रेन्यूएबल एनर्जी क्षमता में वृद्धि सुनिश्चित करनी होगी. वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नॉन- फॉसिल फ्यूल बेस्ड पावर प्रोडक्शन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ऐसा करना जरूरी है. बता दें कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन इमिशन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने की योजना बनाई है.


जेपी नड्डा (स्वास्थ्य मंत्री):- BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 4 साल से अधिक समय तक पार्टी का नेतृत्व करने वाले जेपी नड्डा को सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ये दोनों विभाग मनसुख मांडविया के पास थे. नड्डा के सामने प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को दुरुस्त करना और आयुष्मान भारत स्कीम को आखिरी आदमी तक पहुंचाने की चुनौती है.

नितिन गडकरी (सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री):- महाराष्ट्र के नागपुर के 67 वर्षीय नेता नितिन गडकरी सबसे लंबे समय तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की नई सरकार में भी वह फिर से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का जिम्मा संभालेंगे. पिछले 10 साल में देश में 54,858 किलोमीटर से अधिक लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का श्रेय गडकरी को दिया जाता है. उनके नेतृत्व में सड़क मंत्रालय का लक्ष्य इस साल दिसंबर तक 1,386 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा करना है.


शिवराज सिंह चौहान (कृषि मंत्रालय):- मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में केंद्रीय कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा है. शासन में उनके व्यापक अनुभव और ग्रामीण आबादी के साथ गहरे जुड़ाव के साथ, केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में चौहान की नियुक्ति से कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में सरकार के प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है.

एचडी कुमारस्वामी (इस्पात और भारी उद्योग मंत्री):- जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी को केंद्र सरकार में इस्पात और भारी उद्योग मंत्री नियुक्त किया गया है. भारतीय इस्पात उद्योग में पिछले कुछ वर्षों में ऑटोमेशन की जरूरत महसूस हो रही है. अधिक लोगों की स्टील की चाहत और ग्राहकों की उच्च अपेक्षाओं के साथ भारतीय इस्पात उद्योग अधिक कुशल होने, लागत में कटौती करने और अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के तरीकों की तलाश कर रहा है. जाहिर तौर पर कुमारस्वामी को बतौर इस्पात मंत्री इन चुनौतियों का निपटारा करना होगा.

मनोहर लाल खट्टर (ऊर्जा मंत्रालय):- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नवगठित केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिजली मंत्री नियुक्त किया गया है. बिजली मंत्री के तौर पर खट्टर को देशभर में बिजली उत्पादकों के सामने आने वाली उच्च बिजली मांग और कोयला आपूर्ति के मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों से निपटना होगा. इस साल मई में बिजली की मांग पहले ही 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चस्तर को छू चुकी है.

खट्टर ने हाल ही में हुए आम चुनाव में हरियाणा के करनाल क्षेत्र से जीत हासिल की है. इसके पहले नौ वर्ष से अधिक समय तक वह हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर रहे थे। उन्होंने इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

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