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उत्तर प्रदेश

देवरिया में दोस्ती की अनोखी मिसाल — 30 ई-रिक्शों पर निकली बारात, दोस्तों ने आर्थिक तंगी को बनाया ताकत

देवरिया में दोस्ती की अनोखी मिसाल — 30 ई-रिक्शों पर निकली बारात, दोस्तों ने आर्थिक तंगी को बनाया ताकत
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में रविवार को निकली एक साधारण पर बेहद भावनात्मक बारात ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल बना दिया। सीमित संसाधनों के बावजूद, एक दूल्हे की शादी में उसके दोस्तों ने ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने सामाजिक संवेदनशीलता, एकता और दोस्ती की मजबूत ताकत को नए सिरे से परिभाषित कर दिया। महंगी गाड़ियों की जगह 30 से अधिक ई-रिक्शों पर सजी बारात जब सड़क पर निकली तो आसपास के गाँवों और कस्बों के लोग देखने उमड़ पड़े।

यह प्रेरणादायक घटना ग्रामसभा खुखुंदू के भटहर मोहल्ले की है। स्वर्गीय राम औतार के पुत्र दुर्गेश कुमार, जो मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं, का विवाह डुमरिया लाला गांव निवासी स्वर्गीय बुल्लू प्रसाद की पुत्री कुमारी शिल्पी के साथ संपन्न हुआ। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बारात के लिए गाड़ियों का प्रबंध करना कठिन था, लेकिन दोस्तों ने आगे बढ़ते हुए पूरा जिम्मा अपने हाथ में लिया और ई-रिक्शा चालकों के सहयोग से सभी तैयारियाँ सुनिश्चित कीं।

रविवार शाम जब सज-धजकर ई-रिक्शों में बैठी यह अनोखी बारात गांव की गलियों से रवाना हुई, तो देखने वालों की भीड़ जुट गई। युवाओं की टोलियाँ, महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग दूर-दूर तक लाइन लगाकर इस अनूठे आयोजन को निहारते रहे। डीजे की धुन पर थिरकते बाराती और रोशनी से सजे रिक्शों का दृश्य इलाके में खुशियों और उत्साह का केंद्र बन गया। कई लोगों ने इस दृश्य को मोबाइल में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसके बाद यह शादी सुर्खियों में आ गई।

दूल्हे के दोस्तों ने बताया कि आर्थिक तंगी के बावजूद उनका लक्ष्य था कि दुर्गेश की शादी यादगार बन सके। सभी दोस्तों ने मिलकर रिक्शा चालकों से बात की और सहयोग मिलते ही व्यवस्था पूरी की गई। 100 से अधिक बाराती ई-रिक्शों में बैठकर विवाह स्थल पहुँचे और हर किसी के चेहरे पर उत्साह और खुशी साफ झलक रही थी। ग्रामीणों के अनुसार, यह दृश्य बताता है कि वास्तविक समृद्धि रुपयों-पैसों में नहीं, बल्कि संबंधों और सहयोग की भावना में होती है।

भावुक दूल्हे दुर्गेश ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके मित्र इस तरह साथ खड़े होंगे। उनकी आँखों में भर आए आँसू इस भावनात्मक क्षण का प्रमाण थे। लोगों ने भी कहा कि यह घटना समाज के लिए एक प्रेरणा है और दिखाती है कि सच्ची दोस्ती हर मुश्किल में शक्ति बनकर खड़ी रहती है।

महंगाई और दिखावे की प्रतिस्पर्धा वाले दौर में यह सरल और सच्ची शादी यह संदेश देती है कि शादी का असली सौंदर्य शानो-शौकत में नहीं, बल्कि रिश्तों की गर्मजोशी और सादगी में होता है।

देवरिया की यह अनोखी ई-रिक्शा बारात न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि समाज के सामने नई सोच और उदाहरण भी बनकर उभरी — कि संकल्प और साथ देने वाले साथी हों, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं रहती।

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