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तुर्की नहीं झेल सका भारत का झटका, दो दिन में हो गया 2,500 करोड़ का नुकसान

तुर्की नहीं झेल सका भारत का झटका, दो दिन में हो गया 2,500 करोड़ का नुकसान
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तुर्की स्थित एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी हावा सर्विसी का मार्केट कैप मात्र दो दिनों में 2,500 करोड़ रुपए (293 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा कम हो गया है. इसका कारण तुर्की का पाकिस्तान के साथ देना ​है, जिसके बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण इसकी सहायक कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी कैंसल कर दी थी. जिसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में लगभग 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.

भारत के एक्शन के बाद इस्तांबुल बेस्ड इस फर्म ने कहा कि वह भारत सरकार के फैसले को चुनौती देने के लिए सभी प्रशासनिक और कानूनी उपायों का सहारा लेगी. कंपनी ने अपने इंडियन ऑपरेशन का महत्व बताते हुए कहा कि 2024 में इसके 585 मिलियन डॉलर के रेवेन्यू का एक तिहाई से अधिक हिस्सा इसकी भारतीय सहायक कंपनियों से आया है.

ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने गुरुवार को सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. इस कदम से देश में संचालित समूह की सभी संबद्ध यूनिट्स प्रभावित हुईं. सेलेबी ने कहा कि उसका इंडियन ऑपरेशन “वास्तव में एक भारतीय उद्यम” है जिसका प्रबंधन भारतीय पेशेवरों द्वारा किया जाता है और “किसी भी मानक से यह तुर्की संगठन नहीं है.” भारतीय अधिकारियों द्वारा यह कार्रवाई पिछले सप्ताह भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद की गई.

कंपनी को दो दिनों में 2500 करोड़ का नुकसान

सरकारी आदेश के बाद, गुरुवार को बोरसा इस्तांबुल पर सेलेबी के शेयर 10 फीसदी गिरकर 2,224 तुर्की लीरा पर बंद हुए और शुक्रवार को 10 फीसदी गिरकर 2,002 टीएल पर आ गए, जिससे कई बार ट्रेडिंग रुक गई. इस बिकवाली के कारण दो दिनों में कुल बाजार मूल्य में 2,500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ. सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने रद्द करने के आदेश को कैंसल करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसकी सुनवाई सोमवार को होने की उम्मीद है. सेलेबी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि हमारी कंपनी इन निराधार आरोपों को स्पष्ट करने और लगाए गए आदेशों को उलटने के लिए सभी प्रशासनिक और कानूनी उपायों का पालन करेगी. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा कि उसकी सहायक कम्पनियों ने सदैव भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है तथा कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा उत्पन्न नहीं किया है.

2100 करोड़ का निवेश और 10 हजार को जॉब

2009 में भारतीय बाजार में प्रवेश करने के बाद से, सेलेबी ने 250 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है और 10,000 से अधिक भारतीयों को रोजगार दिया है. यह पांच अलग-अलग सहायक कंपनियों के माध्यम से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित देश भर के 9 एयरपोर्ट पर काम करती है. उनमें से सबसे बड़ी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया छह एयरपोर्ट पर काम कर रही थी. सेलेबी के ऑपरेशन को निलंबित करने के साथ, भारत में कई एयरपोर्ट और एयरलाइंस अब एआई एयरपोर्ट सर्विसेज, एयर इंडिया एसएटीएस और बर्ड ग्रुप जैसे वैकल्पिक ग्राउंड हैंडलर पर जा रहे हैं. इस बीच, कंपनी ने सोशल मीडिया पर अपने स्वामित्व को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन बायरकटर से जोड़ने के दावों का खंडन करते हुए एक स्पष्टीकरण भी जारी किया. सेलेबी ने आरोप को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया और दोहराया कि इसका बहुलांश स्वामित्व अंतरराष्ट्रीय संस्थागत निवेशकों के पास है, जिनका कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है.

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