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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कैबिनेट बैठक में नई खेल नीति-2025 को मंजूरी

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कैबिनेट बैठक में नई खेल नीति-2025 को मंजूरी
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क्रेंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. सरकार ने नई खेल नीति-2025 को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (लागत 1.07 लाख करोड़ रुपये), रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (आरडीआई) योजना (लागत 1 लाख करोड़ रुपये), राष्ट्रीय खेल नीति 2025 और परमकुडी-रामनाथपुरम राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाने (लागत 1,853 करोड़ रुपये) को मंजूरी दी है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि⁠नई खेल नीति से देश भर में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और खिलाड़ियों के प्रदर्शन के विकास को दिशा मिलेगी.कैबिनेट ने रोजगार से जुड़ी जिस प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है, इसके जरिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस रहेगा. ये दो हिस्सों में होगा. ये योजना एंप्लॉयर्स को पहली बार काम पर रखने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए है.

राष्ट्रीय खेल नीति 2025 की खास बातें

नई राष्ट्रीय खेल नीति (NPS) 2025 खेल नीति-2001 की जगह लेगी. इसका मकसद खेल की दुनिया में भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना है. साथ ही ओलंपिक-2036 समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में मजबूत दावेदारी पेश करना है. एनएसपी-2025 को बनाने में केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल महासंघों, एथलीटों, विशेषज्ञों और आम जनता से विचार-विमर्श किया गया. इस पॉलिसी के 5 प्रमुख आधार हैं.

वैश्विक मंच पर बेहतरीन प्रदर्शन का लक्ष्य:इस पॉलिसी का पहला उद्देश्य जमीनी स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेल ढांचे को मजबूत करना है. इसमें प्रतिभाओं की पहचान, ट्रेनिंग, कोचिंग और एथलीट विकास पर जोर दिया गया है. खेल विज्ञान, चिकित्सा और तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही कोच, अधिकारी और अन्य स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जाएगी.

आर्थिक विकास में खेल की भूमिका:एनएसपी-2025 में खेल पर्यटन को बढ़ावा देने, बड़े आयोजन कराने और मैन्युफैक्चरिंग व स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की योजना है. इसके लिए पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP), कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और नए फाइनेंसिंग मैकेनिज्म के जरिये निजी निवेश को बढ़ावा देना है.

सामाजिक विकास में खेल का योगदान: इस पॉलिसी के जरिए महिलाओं, कमजोर वर्गों, जनजातीय और दिव्यांगों को खेलों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही पारंपरिक और स्वदेशी खेलों के संरक्षण और प्रचार पर भी जोर रहेगा. खेलों को शिक्षा से जोड़कर इसे एक करियर विकल्प बनाया जाएगा.

जनांदोलन के रूप में खेल: इस पॉलिसी का मकसद खेलों को जनआंदोलन बनाना है. इसके तहत पूरे देश में फिटनेस अभियान चलाने, स्कूलों और कार्यस्थलों में फिटनेस इंडेक्स लागू करने और खेल सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की योजना है.

शिक्षा से जुड़ाव: राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने और खेल शिक्षा के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव रखा गया है.

इसके साथ ही नई पॉलिसी में रणनीतिक ढांचे पर फोकस किया गया है. इसमें रेगुलेटरी सिस्टम, प्राइवेट फाइनेंसिंग, तकनीक और इनोवेशन का इस्तेमाल और मॉनिटरिंग सिस्टम को शामिल किया गया है. सरकार का मानना है कि ये पॉलिसी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह एक आदर्श नीति का काम करेगी.

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