शादी वाले ड्रोन, भटकती मिसाइलें, फुस्स हथियार... पाक की 2 दिन भी जंग लड़ने की नहीं दिखी हैसियत

भारत-पाकिस्तान सीमा पर फिलहाल शांति नजर आ रही है. शनिवार को दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद सीजफायर की घोषणा हुई. लेकिन सीजफायर की घोषणा के 4 घंटे बाद ही पाकिस्तान की ओर से फिर से ड्रोन अटैक और LoC पर भारी गोलीबारी हुई. जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया. रात 11 बजे प्रेस कॉफ्रेंस में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ किया कि पाकिस्तान ने सीजफायर के समझौते का उल्लंघन किया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए है.
लेकिन इससे पहले पाकिस्तान द्वारा भारत में जिन हथियार, ड्रोन और मिसाइलों द्वारा हमले की कोशिश की गई, उन सभी की नाकामयाबी ने पाकिस्तान की औकात दिखा दी. साथ ही पाकिस्तान की सेना के नौसिखिए हाल का पर्दाफाश भी कर दिया.
शादी वाले ड्रोन, दिवाली वाले फुस्स बम जैसे हथियार और भटकती मिसाइलें
पाकिस्तान की ओर से भेजे गए कई ड्रोन शादी में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन जैसे थे. इस बात की जानकारी भारतीय सेना की ओर से दी गई. कई हथियार ऐसे थे, मानो वो दिवाली वाले फुस्स बम हो. जो जहां-तहां गिर तो गए लेकिन न धुआं हुआ न धमाका. पाकिस्तान की कई मिसाइलें भी टारगेट मिस करते हुए इधर-उधर भटकती रहीं. ये सब पाक सेना के नौसिखिए हाल को बयां करती हैं.
8-9 मई को पाकिस्तान ने 300 से 400 ड्रोन भेजे, सभी नाकाम
8-9 मई पाकिस्तान ने भारत में 36 जगहों पर टारगेट करते हुए 300 से 400 ड्रोन भेजे. सेना ने ब्रीफिंग में बताया कि इन ड्रोनों को भेजने के पीछे का मकसद भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था. भारतीय सेना ने सभी ड्रोन को मार गिराया था. ड्रोन के मलबे की शुरुआती जांच में पता चला कि ये सभी तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं. सेना की ओर से यह भी बताया गया कि इनमें से ज्यादातर ड्रोन शादी में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन जैसे ही थे.
सिरसा के पास मिला पाक का फतेह-1 मिसाइल
इसके बाद 10 मई को भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हरियाणा के सिरसा के ऊपर पाकिस्तानी मिसाइल फतेह-1 को रोका और नष्ट कर दिया. यह मिसाइल पहले भी कई बार फेल हो चुकी हैं. लॉन्चिंग के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो जाना, रास्ते से भटक जाना या लॉन्चिंग फेल होना इसके साथ लगा रहा है. फतेह मिसाइल की विफलता पाकिस्तान की तथाकथित स्वदेशी क्षमता के खोखले दिखावे को उजागर करती है.
सीमा वाले कई इलाकों से मिले पाक के फुस्स हथियार
इसके अलावा राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, पंजाब के फिरोजपुर सहित जम्मू कश्मीर के कई सीमाई इलाकों से पाकिस्तान के ड्रोन-मिसाइल आदि के मलबे मिले. इसमें कई हथियार ऐसे भी मिले, जो फायर ही नहीं हो सके थे. ये हथियार दिवाली वाले फुस्स बम जैसे साबित हुए, जो कुछ देर तक फूटने की कोशिश तो करता है, लेकिन फिर फुस्स होकर शांत हो जाता है.
कुछ दिनों पहले ही पाक सेना ने एक मिसाइल को गलत तरीके से दागा, जो अपने टारगेट को मिस करते हुए आबादी वाले क्षेत्र में एक गुरुद्वारे के पास जा गिरी. इस मिसाइल विस्फोट से कई घरों की खिड़कियां टूट गईं, सिख समुदाय में दहशत फैल गई. अगर यह प्रार्थना के समय हुआ होता तो बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता था.
पाक मिसाइलों के टारगेट मिस करने का रिकॉर्ड लंबा है.
2022 में पाकिस्तान में एक छोटी दूरी की मिसाइल रूटीन टेस्ट के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें कुछ ग्रामीण घायल हो गए थे.
2024 की शुरुआत में भी एक रूटीन टेस्ट के दौरान एक मिसाइल ने टारगेट रूट को मिस कर दिया था. जिसके बाद वह हवा में ही विस्फोट हो गया था.
2025 में गुरुद्वारा के पास मिसाइल के मिस टारगेटेड होने की घटना तकनीकी विफलता के साथ-साथ कूटनीतिक और सामाजिक आपदा भी थी. क्योंकि इसमें एक ऐसा अल्पसंख्यक समाज निशाना बना, जो पाकिस्तान में लंबे समय से भेदभाव का शिकार हो रहा है.
पाक के हथियारों की गुणवत्ता बेहद खराब
एक्सपर्ट का कहना है कि यह सिर्फ मिसाइल द्वारा टारगेट मिस करने की बात नहीं है, बल्कि यह मिसाइल के खराब निर्माण की बात भी है. पाकिस्तानी हथियारों की गुणवत्ता बहुत खराब है, और इससे भी बदतर है उन प्रणालियों पर भरोसा करना. जानकार के अनुसार पाकिस्तान के मिसाइलों के हार्डवेयर में भी दिक्कत है.
ज्यादातर हथियार पुराने, खराब टैंक, ड्रोन भी हो रहे फेल
एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि पाकिस्तान के ज़्यादातर हथियार पुराने, क्षतिग्रस्त या पूरी तरह से अनुपयोगी हैं. टैंक खराब हो जाते हैं, प्रशिक्षण के दौरान जेट क्रैश हो जाता है. चीन से खरीदे गए ड्रोन उड़ान भरने के बाद भी टिक नहीं पाते. यह युद्ध के लिए तैयार सेना नहीं है, यह टूटी हुई मशीनरी का म्यूजियम है.
एक और हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि जब उनके हथियार फेल हो रहे हैं तो पाक सेना के अधिकारी जनता को प्रभावित करने के लिए "अल्लाह हू अकबर" का नारा लगाते हुए टिकटॉक वीडियो बनाने में व्यस्त हैं. प्रशिक्षण या रणनीति बनाने के बजाय वे लोगों के सामने पोज दे रहे हैं, सैन्य सेवा को सोशल मीडिया पर प्रदर्शन में बदल रहे हैं.
पाक सेना के इस नाटक के असल सू्त्रधार जनरल मुनीर
पाकिस्तान सैन्य अधिकारियों के इस नाटक के पीछे असल सूत्रधार पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर हैं, जो खुद को राष्ट्रीय रक्षक के रूप में पेश करने की भूमिका की पटकथा लिख रहे हैं. सुनियोजित धमकियों से लेकर मीडिया हेरफेर तक, उनका ध्यान रक्षा पर नहीं बल्कि सत्ता को बनाए रखने पर है. यह सब जनता का ध्यान भटकाने और प्रासंगिक बने रहने के लिए एक नाटक है.
वजीरिस्तान, बलूचिस्तान में विद्रोही सेना पर पर रहे भारी
वजीरिस्तान में आतंकवादी, बलूचिस्तान में विद्रोही और सिंध में अलगाववादी जमीन हासिल कर रहे हैं, सेना अपनी धरती की रक्षा करने में विफल है. यह एक ऐसी ताकत है जो अपने भीतर नियंत्रण बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, बाहर शक्ति प्रदर्शित करने की तो बात ही छोड़िए.
पाकिस्तान की सेना चीन द्वारा भेजे गए स्क्रैप हथियारों पर निर्भर है. इन हथियारों की खरीद में भी जमकर करप्शन हुआ है. पाकिस्तान सेना सोशल मीडिया हेरफेर और झूठे झंडे वाले ऑपरेशन में जुटी है.
यह पूरी कहानी बता रही है कि पाकिस्तान की सेना अब एक पेशेवर लड़ाकू बल नहीं है, बल्कि प्रचार, भय-प्रसार और पीआर चालों पर चल रही. पाकिस्तान का सबसे बड़ा खतरा बाहरी नहीं है बल्कि इस खोखली सेना से है.