चंदौली में रेलवे डिपार्टमेंटल प्रमोशन परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सीबीआई ने करोड़ों नगदी के साथ दो अधिकारी समेत कुल 26 गिरफ्तार... 30 सॉल्वर भी दबोचे...

. पूरे ऑपरेशन के दौरान सीबीआई ने मीडिया से बनाई रखी दूरी, 30 सॉल्वर भी दबोचे...
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली/मुगलसराय: खबर यूपी के जनपद चंदौली से है जहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल की डिपार्टमेंटल प्रमोशन परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा का खेल सामने आया है। लखनऊ से पहुंची सीबीआई की टीम ने सोमवार की रात से छापेमारी और पूछताछ के क्रम में एक मैरिज लॉन से 30 सॉल्वर को हिरासत में लिया है। पेपर लीक के इस मामले में सीबीई ने पूर्वी सेंट्रल रेलवे के दो बड़े अधिकारियों समेत कुल 26 लोगों को गिरफ्तार कर लखनऊ को रवाना हो गई। सीबीआई द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार अभी मामले में जांच जारी है, अभी इस पेपर लीक के फर्जीवाड़े की कई परतें खुलकर सामने आएंगी और शामिल लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी। विदित हो कि सीबीआई टीम के इस ऑपरेशन के दौरान एक करोड़ से अधिक की नगदी भी बरामद हुई है। हालांकि इस दौरान अंत तक सीबीआई टीम ने मीडिया से दूरी बनाए रखी थी।
विदित हो कि सूचना के आधार पर डीडीयू रेल मंडल के विभिन्न स्थानों पर लखनऊ से पहुंची सीबीआई टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए 30 लोगों को दबोचा। 18 घंटे से अधिक समय तक इन लोगों को DRM बिल्डिंग में विशेष पूछताछ की व्यवस्था के साथ डिटेन करती रही। सीनियर लोको पायलट परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक के आरोप में रेलवे डीडीयू मंडल के दो सीनियर अधिकारी डीपीओ सुरजीत सिंह और डीईई आपरेशन सुशांत पराशर समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें आठ अन्य रेलवे अधिकारी एवं अज्ञात लोग भी शामिल हैं। सीबीआई ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लखनऊ के लिए रवाना हो गई। वहीं सीबीआई टीम ने पूछताछ के आधार पर आठ स्थानों पर छापेमारी कर करीब 1.17 करोड़ रुपए भी जब्त किए। हालांकि पूरे ऑपरेशन के दौरान सीबीआई ने मीडिया टीम से दूरी बनाए रखी।
सीबीआई की ऐसी थी कार्रवाई .
आपको बताते हैं कि पंडित दिन दयाल उपाध्याय नगर स्थित रेलवे इंटर कालेज में 04 फरवरी को रेलवे डिपार्टमेंटल प्रमोशन परीक्षा होने वाली थी। इसके लिए दो महीने पहले ही आवेदन लिए गए थे। लेकिन परीक्षा पूर्व ही मोटी रकम की वसूली कर परीक्षा पेपर लीक कराने की सूचना पर सीबीआई लखनऊ टीम डीआईजी शिवानी तिवारी के नेतृत्व में मुगलसराय पहुंची और सोमवार की देर रात्रि से ही ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया। मुगलसराय के तीन स्थानों पर छापेमारी कर कई को हिरासत में लिया। इस आपरेशन का महत्वपूर्ण पहलू रहा मुगलसराय स्थित एक निजी मैरिज लॉन जिसमें 30 सॉल्वर को ठहराया गया था। ये सभी सॉल्वर 04 फरवरी को आयोजित होने वाली परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले थे। इस पूरे प्रकरण में रेलवे के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, उन्होंने ही सॉल्वर को रहने की व्यवस्था का प्रबंध किया था। बता दें कि 18 घंटे से अधिक समय तक DRM बिल्डिंग में विशेष व्यवस्था के साथ सॉल्वरों से कड़ी पूछताछ के बाद सीबीआई ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया। आठ स्थानों पर छापेमारी कर एक करोड़ 17 लाख रुपए के करीब नगदी जब्त किया। वहीं रेलवे के दो सीनियर अधिकारियों व अन्य आठ अधिकारियों समेत कुल 26 लोगों को गिरफ्तार कर देर शाम लखनऊ ले गई। इसमें 19 लोको पायलट भी शामिल हैं। वहीं आपको बता दें कि छापेमारी के क्रम में सीबीआई ने 17 अभ्यर्थियों के पास से हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी भी बरामद की है।सीबीआई की जांच में पता चला कि डीडीयू मंडल के सीनियर अधिकारी डीईई आपरेशन सुशांत पराशर को प्रश्नों पत्रों को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी।उनके द्वारा अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न पत्र लिखे गए और कथित तौर पर इसे हिंदी में अनुवाद के लिए एक लोको पायलट को दिया, उसके बाद आगे का प्रोसेस शुरू हुआ। गिरफ्तार अन्य कर्मचारियों को प्रश्नपत्र वितरित करने और पैसे इकट्ठे करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।फिलहाल सीबीआई की इस कार्रवाई से मुगलसराय रेल मंडल सवालों के घेरे में है और यहां भ्रष्टाचार की जड़े काफी लंबी उजागर हुई हैं।