खबर का असर: डीडीयू जंक्शन पर अवैध वेंडरों की शामत, अवैध खाद्य पदार्थों की बिक्री करते रंगेहाथ 18 पकड़े गए...
रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल...
चंदौली/पीडीडीयु नगर: रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में बिना अनुमति खाद्य सामग्री बेचने वालों के खिलाफ जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने सोमवार को बड़ा अभियान चलाया। इस दौरान 18 अवैध वेंडरों को रंगे हाथों पकड़ लिया गया, जो बिना किसी लाइसेंस और स्वच्छता मानकों के झोले-बाल्टी में पूरी, सब्जी, पकौड़ी, चना नमकीन जैसे खाद्य पदार्थ यात्रियों को बेच रहे थे। बता दें कि जनता की आवाज टीम ने डीडीयू जंक्शन पर अवैध वेंडर और कैटरिंग से जुड़े इस मामले को विगत दिनों प्रमुखता से उठाया था। उसके बाद एक्शन में आए रेलवे महकमा ने इन अवैध वेंडरों के खिलाफ अभियान छेड़ा और त्वरित कार्रवाई को अंजाम दिया।
बता दें कि यह कार्रवाई रेलवे में अपराध नियंत्रण के तहत अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे प्रकाश डी, एसएसपी रेलवे प्रयागराज प्रशांत वर्मा और पुलिस अधीक्षक रेलवे वाराणसी के दिशा-निर्देशन में की गई। टीम का नेतृत्व आरपीएफ निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद और जीआरपी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने किया।
प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेन के भीतर तक सघन जांच
यह अभियान डीडीयू जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या 3/4 और यात्री प्रतीक्षालय क्षेत्र में चलाया गया। लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लोग बिना अनुमति और साफ-सफाई के नियमों का पालन किए बिना यात्रियों को घटिया स्तर का खाना परोस रहे हैं।टीम ने मौके से जिन 18 वेंडरों को पकड़ा, उनमें से अधिकांश स्थानीय निवासी हैं। सभी के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 144/18 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है।
हालांकि आपको बता दें कि डीडीयू जंक्शन पर अवैध वेंडर एवं कैटरिंग का यह खेल काफी पुराना है। मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद कार्रवाई तो बखूबी दर्शाया जाता है, लेकिन इस गोरखधंधे के संचालन के बड़े ठेकेदारों पर कार्रवाई सामने नहीं आती है। फिलहाल खबर का असर ही रहा की इतने बड़े पैमाने पर अवैध वेंडरों के खिलाफ एकसाथ कार्रवाई अमल में लाई गई है। अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाने वाली टीम में उप निरीक्षक रवीकांत सिंह सेंगर,सिपाही संदीप कुमार गुप्ता, राजेश कुमार, शक्ति सिंह,कांस्टेबल समरजीत यादव, हरिश्चंद्र दुबे, विनय प्रताप सिंह शामिल रहे।
इस दौरान रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनधिकृत वेंडरों से कोई खाद्य सामग्री न खरीदें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल आरपीएफ या जीआरपी को दें। यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।