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उत्तर प्रदेश

हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर बड़ा बवाल : 16 वाहन फूंके, लाठीचार्ज में विधायक सहित कई घायल

हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर बड़ा बवाल : 16 वाहन फूंके, लाठीचार्ज में विधायक सहित कई घायल
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रिपोर्ट : विजय तिवारी

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री निर्माण को लेकर चला आ रहा विवाद बुधवार को हिंसक रूप ले बैठा। टिब्बी तहसील के राठीखेड़ा गांव में ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए टकराव ने पूरे इलाके को तनावग्रस्त कर दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने फैक्ट्री की चारदीवारी ट्रैक्टरों से तोड़ दी, जिसके बाद हालात तेजी से बिगड़ गए और आगजनी की घटनाएं सामने आईं।

घटना के बाद प्रशासन ने इलाके को छावनी में बदल दिया है। आधा दर्जन से अधिक थानों की पुलिस, ASP, दो DSP और सीमा सुरक्षा बल की दो टुकड़ियां लगातार हालात पर नजर रख रही हैं। टिब्बी कस्बे और आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं, वहीं स्कूलों व बाजारों को सुरक्षा कारणों से बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

कैसे भड़का विवाद?

राठीखेड़ा के पास करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से एशिया की सबसे बड़ी बताई जा रही एथेनॉल फैक्ट्री का निर्माण कार्य जारी है। स्थानीय किसानों का कहना है कि फैक्ट्री से पर्यावरण को नुकसान होगा, भूमिगत जल और खेती प्रभावित होगी और गांव के आसपास प्रदूषण बढ़ेगा।

किसान कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हाल ही में प्रशासन ने उन्हें धरनास्थल से हटाकर चारदीवारी का कार्य पूरा करवा दिया। निर्माण कंपनी का दावा है कि सभी पर्यावरणीय मानकों का पालन किया जा रहा है, जबकि किसानों का आरोप है कि उनकी आपत्तियों को अनदेखा किया जा रहा है।

बुधवार को कैसे बिगड़े हालात?

सुबह से शांत चल रहा माहौल दोपहर बाद बदल गया।

किसानों ने SDM कार्यालय के बाहर सभा की - शाम 4 बजे बड़ी संख्या में ग्रामीण फैक्ट्री साइट की ओर कूच कर गए।

भीड़ निर्माण स्थल तक पहुंच गई और ट्रैक्टरों से दीवार गिरा दी।

पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए पहले समझाइश दी, फिर भीड़ को रोकने के लिए, लाठीचार्ज,आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन भीड़ बड़ी होने से पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा। इससे प्रदर्शन और उग्र हो गया।

16 वाहन जलाए, कई घायल -

हंगामे के दौरान प्रदर्शनकारियों ने

पुलिस व निजी मिलाकर 16 वाहनों में तोड़फोड़ व आगजनी की करीब 10–12 पुलिसकर्मी, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां और दर्जनों ग्रामीण घायल हुए।

घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने अत्यधिक बल प्रयोग किया और फैक्ट्री प्रबंधन के दबाव में कार्रवाई की, जबकि पुलिस इसे सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवश्यक बताती है।

इलाका छावनी में बदला, इंटरनेट सेवा बंद

संभावित तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं—

टिब्बी और नजदीकी गांवों में इंटरनेट सेवा स्थगित,

पुलिस बल की भारी तैनाती,

BSF की दो टुकड़ियां तैनात,

स्कूलों और दुकानों को एहतियातन बंद रखा गया।

पूरे इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है।

राजनीतिक हलचल भी तेज -

ग्रामीण आंदोलन को विपक्षी दलों के कई नेताओं ने समर्थन दिया है। स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों और अन्य क्षेत्रीय नेताओं ने किसानों से मुलाकात कर सरकार पर फैक्ट्री निर्माण प्रक्रिया की समीक्षा करने का दबाव बढ़ाया है। उधर, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।

फिलहाल स्थिति नियंत्रण में -

गुरुवार सुबह तक हालात कुछ शांत बताए गए हैं, हालांकि पुलिस अलर्ट मोड पर है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि किसानों की शिकायतों की जांच होगी और सभी पक्षों से बातचीत के जरिए समाधान तलाशा जाएगा।

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