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उत्तर प्रदेश

लूटकांड का पर्दाफाश: फाइनेंस एजेंट से हुई 1.40 लाख की लूट का हुआ खुलासा, चार अंतर्जनपदीय लुटेरे गिरफ्तार

लूटकांड का पर्दाफाश: फाइनेंस एजेंट से हुई 1.40 लाख की लूट का हुआ खुलासा, चार अंतर्जनपदीय लुटेरे गिरफ्तार
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कंदवा पुलिस और स्वॉट टीम की संयुक्त कार्रवाई में ₹70800 नकद, टैबलेट व बाइक बरामद

रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली

चंदौली। जनपद की कंदवा पुलिस ने फाइनेंस एजेंट से लूट की गुत्थी सुलझा ली है। वाराणसी-मिर्जापुर के चार अंतर्जनपदीय लुटेरे पकड़े गए हैं, जो पेशेवर गिरोह बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दे रहे थे। पकड़े गए लुटेरों के पास से ₹70,800 की नकदी, सैमसंग टैबलेट और घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद की गई है। मामले का खुलासा कंदवा थाने की पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम ने सोमवार को किया।

यह लूटकांड 18 जून 2025 को कंदवा थाना क्षेत्र में घटित हुआ था। भदोही के औराई थाना अंतर्गत सवरा गांव निवासी प्रतीक सिंह, जो एक फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट हैं, बरहनी के पास शाम करीब 5:30 बजे बदमाशों ने उन्हें रोककर मारपीट की और एक लाख चालीस हजार रुपये नकद, मोबाइल, टैबलेट और स्प्लेंडर बाइक लूट ली थी। पीड़ित ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराई।

23 जून को अमड़ा तिराहे पर मुखबिर की सूचना पर चार अभियुक्तों को दबोचा गया। पुलिस ने घेराबंदी कर पहले दो संदिग्धों—मोनू यादव और आकाश यादव—को पकड़ा, फिर कुछ ही दूरी पर बहादुर यादव और अरविंद पटेल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में चारों ने लूट में शामिल होने की बात स्वीकार की।

पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ कि लूट की साजिश फाइनेंस एजेंट प्रतीक सिंह के एक परिचित आकाश यादव ने ही रची थी। उसने अपने साथियों को पीड़ित की गतिविधियों और पैसे की जानकारी दी और लोकेशन भी मुहैया कराई। बाकी तीन लुटेरे मौके पर पहुंचकर प्रतीक सिंह से मारपीट कर रकम और सामान लूटकर फरार हो गए।



एसपी आदित्य लांगहे ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास भी रहा है। अभियुक्तों में मोनू यादव,आकाश यादव,बहादुर यादव एवं अरविंद पटेल सभी मिर्जापुर निवासी शामिल हैं, इन सभी के खिलाफ कई पूर्व के मामले स्थानीय थानों में दर्ज हैं। अभियुक्तों के पास से ₹70,800 नकद (लूट की रकम में से),

सैमसंग टैबलेट,01 मोटरसाइकिल (लूटी गई),02 अन्य मोटरसाइकिल (एक घटना में प्रयुक्त, एक पीड़ित की) बरामद की गई है।

इस सफल अनावरण में थाना कंदवा के प्रभारी निरीक्षक दयाराम गौतम के साथ एसओजी प्रभारी उप निरीक्षक आशीष मिश्रा और उनकी टीम की अहम भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक अनंत चंद्रशेखर व क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मौर्य के पर्यवेक्षण में कार्रवाई को अंजाम दिया गया।यह घटना पुलिस की मुस्तैदी और मुखबिर तंत्र की प्रभावशीलता का उदाहरण है। लुटेरों का गिरफ्त में आना जिले में बढ़ रहे संगठित अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक अहम कदम है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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