बालाघाट में 14 लाख की इनामी नक्सली सुनीता ने किया आत्मसमर्पण, सरकार देगी 39 लाख रुपये, जमीन और नौकरी का लाभ

डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में लंबे समय से सक्रिय महिला नक्सली सुनीता ने आखिरकार आत्मसमर्पण कर दिया। सुनीता पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसने सोमवार को पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। अधिकारियों के अनुसार, सुनीता ने मध्य प्रदेश सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुनीता बीते कई वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ी हुई थी और उसने बालाघाट व छत्तीसगढ़ की सीमा क्षेत्रों में सक्रिय रहकर कई नक्सली गतिविधियों में हिस्सा लिया था। सुरक्षा एजेंसियों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति के प्रति भरोसा जताते हुए उसने हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
सरकार की नीति के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के तहत आर्थिक सहायता और जीवन पुनर्निर्माण के अवसर दिए जाते हैं। इसी क्रम में सुनीता को कुल 39 लाख रुपये, जमीन का टुकड़ा, घर और सरकारी नौकरी की सुविधा दी जाएगी। इस राशि में उसका घोषित इनाम 14 लाख रुपये भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि सुनीता का आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि है बल्कि क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। प्रशासन का मानना है कि सरकार की पुनर्वास योजना के तहत अन्य नक्सली भी हिंसा छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित होंगे।
स्थानीय प्रशासन ने सुनीता को भरोसा दिलाया है कि सरकार की ओर से उसे सभी पुनर्वास लाभ समयबद्ध तरीके से प्रदान किए जाएंगे ताकि वह अपने जीवन की नई शुरुआत कर सके। बालाघाट जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में यह आत्मसमर्पण एक बड़ा संदेश माना जा रहा है कि अब धीरे-धीरे नक्सल संगठन कमजोर पड़ रहे हैं और विकास का रास्ता मजबूत हो रहा है।




