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उत्तर प्रदेश

प्रतापगढ़-कौशलेंद्र-अंकिता के घर महामृत्युंजय का जाप, 14 दिन से सिक्किम में लापता; हनीमून पर गया था कपल

प्रतापगढ़-कौशलेंद्र-अंकिता के घर महामृत्युंजय का जाप, 14 दिन से सिक्किम में लापता; हनीमून पर गया था कपल
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प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित जोड़ा सिक्किम हनीमून मनाने गया. मंगन जिले में बारिश और लैंडस्लाइड के चलते उनका वाहन 1000 फीट की गहराई में तीस्ता नदी में गिर गया. सूचना मिलने के बाद वर-वधू पक्ष के लोग भागकर सिक्किम पहुंच गए. अब तक उनकी बहू-बेटे के लौटने की आस नहीं टूटी है. हालांकि खराब मौसम के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन बंद हैं. इसी को देखते हुए कौशलेंद्र के पिता समेत सभी लोग वापस आ गए हैं. अब वह लोग भोलेनाथ और देवी मां से किसी करिश्मे की उम्मीद में हैं.

कौशलेंद्र के परिवार ने देवी मंदिर में पांच दिवसीय महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू करा दिया है. इस अनुष्ठान में कौशलेंद्र के माता-पिता बैठ गए हैं, जो तस्वीरों में आप खुद देख सकते हैं. महामृत्युंजय जाप के शुरू होने से पहले पिता बदहवास स्थिति में रोते बिलखते हुए बता रहे हैं कि किस तरह से उसके अरमान आंसुओं के साथ सैलाब बनकर बह गए. वहीं कौशलेंद्र के चाचा का कहना है कि NDRF और लोकल फोर्स सिक्किम में रेस्क्यू में जुटी हुई है, लेकिन अब तक लापता जोड़े का कुछ पता नहीं लग पाया है.

5 मई को कौशलेंद्र-अंकिता की हुई थी शादी

बता दें कि बीती 5 मई को कौशलेंद्र और अंकिता की धूमधाम से शादी हुई थी, जिसके बाद दोनों ने हनीमून का प्लान बनाया और सिक्किम को चुना. दोनों 24 मई को सिक्किम गए. होटल लौटते समय हादसा हो गया और जिस घर मे जश्न का माहौल था, वहां मातम फैल गया. आनन-फानन में वर-वधू पक्ष के लोग भागकर मौके पर पहुंच गए, लेकिन आज तक हाथ खाली हैं. दोनों परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है.

टूरिस्ट बस तीस्ता नदी में गिरी

बताया जा रहा है मंगन जिले में पर्यटकों को ले जा रही टूरिस्ट बस तीस्ता नदी में गिर गई थी. इस बस में कुल 11 लोग सवार थे, जिसमें उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का नवविवाहित जोड़ा कौशलेंद्र सिंह (29) और अंकिता सिंह (26) थे. सांगीपुर इलाके के राहाटिकर गांव के शेर बहादुर सिंह के इकलौते बेटे कौशलेंद्र प्रताप सिंह और पट्टी कोतवाली के धनगढ़ सराय छिवलहा निवासी राजेश सिंह की बेटी अंकिता सिंह की शादी 5 मई को ही हुई थी.

29 मई को हुआ था हादसा, अब तक दोनों का कुछ पता नहीं

बताया जा रहा है कि हादसा उस समय हुआ, जब बीती 29 तारीख को यह लोग उत्तर सिक्किम के मंगन जिले से वापस गंगटोक स्थित होटल के लिए लौट रहे थे. मंगन से रवाना होने से पूर्व सुबह कौशलेंद्र की अपनी मां बेबी सिंह से आखिरी बार बात हुई थी. कौशलेंद्र के पिता शेर बहादुर व अंकिता का भाई व चाचा अभी भी सिक्किम में दोनों के मिलने की उम्मीद में जमे हुए थे.

वह लोग भी निराश होकर वापस आ गए हैं. दोनों के घर रिश्तेदारों और शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है. बता दें कि अंकिता लखनऊ के मेदांता अस्पताल के मेडिसिन विभाग में काम करती थी. कौशलेंद्र अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था.

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