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उत्तर प्रदेश

वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में यूपी के अलग-अलग जिलों से 11 लोगों की मौत

वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में यूपी के अलग-अलग जिलों से 11 लोगों की मौत
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जम्मू और कश्मीर स्थित रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर के ट्रैक पर लैंडस्लाइ़ड में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 11 लोगों की मौत हुई है. प्रशासन द्वारा जारी सूची के अनुसार आगरा, मुजफ्फरनगर से तीन-तीन, बरेली से 1 और अन्य जिलों से 4 लोगों की मौत हुई है.

बताया गया कि आगरा निवासी भावना, सुनीता और सेजल, मुजफ्फरनगर निवासी कार्तिक, अनंत और दीपेश, बरेली निवासी नीरा की मौत हुई है. वहीं ममता, रामविरी, चांदनी ,अंजली की भी मौत हुई है. हालांकि इन चार लोगों का किस जिले से संबंध है, अभी इसकी जानकारी नहीं आई है.

बता दें वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर एक दिन पहले भूस्खलन हुआ था. अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हो गए.

मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ और पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं. इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए. घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई.

मृतकों में से अब तक 24 की पहचान हो चुकी है. इनमें से 14 महिलाएं हैं. कुछ तीर्थयात्री राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र के रहने वाले थे. अज्ञात 10 शवों में से चार महिलाओं के हैं.

आधे रास्ते में एक स्थान पर भूस्खलन

कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की यात्रा के लगभग आधे रास्ते में एक स्थान पर भूस्खलन हुआ. मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं, जिसमें हिमकोटि पैदल मार्ग पर सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न डेढ़ बजे तक यात्रा जारी थी. हालांकि, अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए यात्रा अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया.

बुधवार को जम्मू में उफनती नदियों के जलस्तर में कमी के संकेत मिले, लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई और पानी कई आवासीय क्षेत्रों में घुस गया. अधिकारियों ने निवासियों को आश्वस्त किया कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.

अधिकारियों ने बताया कि लगातार भारी बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश में भारी तबाही मचाई. बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, पुल ढह गए और मोबाइल टावर और बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए.

दूरसंचार सेवाएं भी 22 घंटे से अधिक समय तक ठप रहने के बाद आंशिक रूप से बहाल हो गईं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर से जम्मू पहुंचे.

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