मेरठ : ‘10 रुपए का बिस्कुट कितने का है जी’ से मशहूर हुए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शादाब मुश्किल में — विवादित वीडियो पर कार्रवाई, गिरफ्तारी के बाद जमानत

रिपोर्ट : विजय तिवारी
मेरठ — सोशल मीडिया पर अपनी अलग देसी और हास्य शैली के कारण चर्चित हुए कंटेंट क्रिएटर शादाब जकाती एक विवादित रील को लेकर कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ गए। शादाब उस समय पूरे उत्तर भारत में चर्चा में आए थे जब उनका डायलॉग
“10 रूपए का बिस्किट कितने का है जी?”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और इसी वायरलिटी ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई।
हाल ही में जारी उनकी एक रील, जिसमें एक नाबालिग बच्ची दिखाई दे रही थी, को लेकर स्थानीय नागरिकों ने आपत्ति जताई और अश्लीलता तथा अनुचित संवाद प्रस्तुति का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। शिकायतकर्ता का आरोप था कि वीडियो में बच्ची को ऐसे दृश्य का हिस्सा बनाया गया, जिसे आपत्तिजनक या संकेतात्मक समझा जा सकता है।
शिकायत के आधार पर मेरठ की इंचौली पुलिस ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शादाब जकाती को हिरासत में लेकर कार्रवाई की और वीडियो की जांच शुरू की। शिकायतकर्ता ने मामले में POCSO एक्ट लागू करने की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने कहा कि वीडियो की फॉरेंसिक जांच के बाद आगे की धाराएं तय की जाएंगी।
कोर्ट से मिली जमानत एवं परिवार का स्पष्टीकरण -
गिरफ्तारी के बाद अदालत ने शादाब जकाती को जमानत दे दी।
रिहा होने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि :
“रील में दिखाई गई बच्ची मेरी अपनी बेटी है। वीडियो पारिवारिक और सामान्य मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था। इसे गलत दिशा में मोड़कर विवाद पैदा किया गया।”
शादाब ने यह भी कहा कि यदि किसी को वीडियो से आपत्ति हुई हो, तो वे उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं, और विवादित वीडियो को सोशल मीडिया से हटा भी दिया गया है।
सोशल मीडिया प्रतिक्रिया :
वीडियो विवाद के बाद सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंटा हुआ दिखाई दिया —
एक पक्ष इसे नाबालिगों की सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का मुद्दा मानता है।
दूसरी ओर लोग इसे गलतफहमी और अति-संवेदनशीलता का मामला बताते हुए कहते हैं कि बिना जांच किसी की छवि खराब नहीं की जानी चाहिए।
कानूनी व सामाजिक महत्व -
यह मामला सोशल मीडिया की दुनिया में तेजी से हो रही वायरलिटी और उससे जुड़ी जिम्मेदारियों की गंभीरता को सामने लाता है।
नाबालिगों से जुड़े कंटेंट के मामले में नैतिकता, संवेदनशीलता और कानून का पालन अनिवार्य है। साथ ही, तथ्यों की पुष्टि से पहले सोशल मीडिया ट्रायल किसी व्यक्ति के जीवन और साख पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
शादाब जकाती को चर्चित बनाने वाला “10 रुपए का बिस्किट कितने का है जी” डायलॉग एक ओर उन्हें लोकप्रियता दिलाता है।
दूसरी ओर अश्लील डायलोग वाला एक विवादित वीडियो ने उन्हें कानूनी कार्रवाई और सामाजिक प्रश्नों के केंद्र में ला खड़ा किया
मामले की जांच जारी है और अंतिम निर्णय पुलिस रिपोर्ट और न्याय प्रक्रिया पर निर्भर करेगा -
वायरल होना लक्ष्य नहीं, जिम्मेदार होना आवश्यक है।
बच्चों की सुरक्षा और सम्मान सबसे ऊपर है।




