“राम जी की सवारी नगर में निकली , भव्य स्वागत के साथ रामलीला मैदान पहुंची

“120 सालों की परंपरा का जश्न, नवरात्रि से दशहरा तक बहराइच में भक्ति, रंग और उत्सव का अनोखा संगम”
आनन्द गुप्ता /के0के0 सक्सेना
बहराइच। जनपद की ऐतिहासिक और सबसे पुरानी रामलीला इस वर्ष अपने 120वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन 22 सितम्बर से प्रारंभ होकर यह भव्य आयोजन 07 अक्टूबर तक चलेगा।
सोमवार को छावनी स्थित पंचायती मंदिर से निकली भव्य शोभायात्रा का नगरभर में स्वागत हुआ। विसातखाना चबूतरा सहित स्टीलगंज तालाब पर भूमि पूजन के साथ श्रीराम शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए झिंगहाघाट के समीप मौनी बाबा आश्रम स्तिथ रामलीला मैदान पहुँचा। इस अवसर पर गणमान्य नागरिकों, पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
रामलीला कमेटी के अध्यक्ष श्री श्यामकरन टेकड़ीवाल ने बताया कि भगवान श्रीराम और बजरंगबली की कृपा से यह आयोजन लगातार जनमानस को जोड़ रहा है और आज यह जनपद की सबसे प्राचीन रामलीला बन चुकी है। इसका उद्देश्य युवाओं और रामभक्तों को आदर्श प्रस्तुत करते हुए मंचीय रूप में भव्य रामलीला का आनंद प्रदान करना है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस रामलीला की लोकप्रियता का प्रमाण है। इस बार नगर के छावनी चौराहे पर 50 फिट ऊँचा आकर्षक स्वागत द्वार कमेटी पदाधिकारियों की मांग पर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुधा देवी टेकड़ीवाल द्वारा बनवाया गया है, जो आयोजन को और अधिक भव्य व दिव्य रूप प्रदान करेगा।
विशेष कार्यक्रमों की तिथियाँ व झलकियाँ:
02 अक्टूबर : विजयादशमी पर रावण वध का भव्य मंचन, रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी और रोशनी से जगमगाता रामलीला मैदान।
05 अक्टूबर : भरत मिलाप—नगरवासियों के लिए श्रद्धा व भक्ति का अद्भुत संगम, भाईचारे और त्याग का जीवंत चित्रण।
06 अक्टूबर : श्रीराम राज्याभिषेक—शाही साज-सज्जा, झांकियों और पुष्पवर्षा के बीच प्रभु श्रीराम के राजतिलक का अनुपम दृश्य।
07 अक्टूबर : सांस्कृतिक संध्या—स्थानीय व बाहर से आए कलाकारों की लोकनृत्य, भजन-कीर्तन व नाट्य प्रस्तुतियाँ, जो वातावरण को भक्तिमय बना देंगी।
इस अवसर पर राहुल रॉय, जयजय अग्रवाल, कमलशेखर गुप्ता, संतोष अग्रवाल, श्रवण शुक्ला,मनोज गुप्ता , सरदार कुलदीप सिंह अरोरा, विनय जैन, राधेश्याम त्रिपाठी, दीपक सोनी दाऊ जी, सुमित खन्ना, हेमन्त मिश्रा, सुरेश गुप्ता, प्रकाश गुप्ता ,जितेन्द्र प्रताप सिंह जीतू सहित अनेकों रामभक्त मौजूद रहे।
इस वर्ष का दशहरा उत्सव धार्मिक आस्था, कला और संस्कृति का अनोखा संगम होगा, जो बहराइच की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।