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उत्तर प्रदेश

टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का हल्ला बोल, पीएम से हस्तक्षेप की मांग

टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का हल्ला बोल, पीएम से हस्तक्षेप की मांग
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अयोध्या।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 01 सितम्बर 2025 को दिए गए आदेश में सेवा में कार्यरत शिक्षकों और पदोन्नति पाने के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को अनिवार्य किए जाने के फैसले के खिलाफ अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले देशभर में एवं उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदेशभर के शिक्षक सड़कों पर उतर आए हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शुक्रवार को अयोध्या में शिक्षकों ने ज़बरदस्त प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

तिकोनिया पार्क से निकाले गए जुलूस में सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए। जिलाध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए यह जुलूस तिकोनिया पार्क तहसील सदर से शिक्षकों के बहुत भारी संख्या में पहुंचने के साथ शुरू हुआ। यहां पुलिस ने शिक्षकों को आगे बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद हल्की झड़प की स्थिति भी बनी। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।

जिलाध्यक्ष डॉ संजय सिंह ने शिक्षकों की ओर से प्रधानमंत्री से मांग की कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करे या अध्यादेश लाकर शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करे। ज्ञापन में कहा गया कि :

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2009) लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता में शामिल करना अन्यायपूर्ण है।

29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को बार-बार परीक्षा में घसीटना न केवल असंवैधानिक है बल्कि यह उनके अधिकारों का हनन है।

दशकों से कार्यरत शिक्षक जिनके अधीन लाखों छात्र पढ़कर सरकारी सेवा व उच्च शिक्षा में सफल हो चुके हैं, उनके अनुभव और योग्यताओं पर सवाल उठाना शिक्षण व्यवस्था के साथ अन्याय है।

फैसले से शिक्षकों का मनोबल टूटेगा और सरकारी शिक्षा व्यवस्था कमजोर होगी, जिससे बच्चे निजी स्कूलों की ओर पलायन करेंगे।

जिला मंत्री प्रेम वर्मा ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने पुराने शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता तत्काल समाप्त नहीं की, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। जिलाध्यक्ष डॉ संजय सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि 2017 का संशोधन अधिनियम न्यायसंगत नहीं है और इसे तत्काल वापस लिया जाए।

राज्य संयुक्त कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष श्री अरविंद सिंह ने शिक्षको के इस आंदोलन को दिया समर्थन और कहा कि शिक्षकों की मांग को केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर इस काले कानून से मुक्त करे।

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री विश्वनाथ सिंह ने यह भी तर्क दिया कि जब बिना टीईटी के नियुक्त शिक्षकों ने लाखों बच्चों को शिक्षा दी और वे बच्चे आज सफल पदों पर कार्यरत हैं, तो अचानक से इन शिक्षकों की योग्यता पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं। यह निर्णय सीधे-सीधे सार्वजनिक शिक्षा को नुकसान पहुंचाएगा और गांव-गांव में स्कूलों के बंद होने का खतरा बढ़ेगा।

।जिला अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को रीव्यू पिटिशन दायर करने पर हार्दिक आभार व्यक्त किया।

लेकिन उन्होंने दो-टूक चेतावनी दी कि – यदि इस मामले में शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो संघर्ष अब अंतिम चरण में प्रवेश करेगा और मजबूरी में आत्मदाह जैसा कदम भी उठाना पड़ेगा

शिक्षकों का कहना है कि यह सिर्फ उनका आंदोलन नहीं बल्कि देश की शिक्षा व्यवस्था को बचाने की जंग है। सरकार को चाहिए कि तत्काल अध्यादेश लाकर 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त करे।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक इकाई के समस्त पदाधिकारी एवं बहुत भारी संख्या में परिषदीय शिक्षकों ने भाग लिया जिसमें बीकापुर ब्लॉक अध्यक्ष प्रिया कांत पांडे मंत्री द्वारकाधीश उपाध्याय कोषाध्यक्ष गुलाब चंद्र मिल्कीपुर ब्लॉक अध्यक्ष चन्द्र शेखर सिंह मंत्री राजेश कुमार कोषाध्यक्ष रजनी यादव मसौधा मंत्री अखिलेश कुमार कोषाध्यक्ष बीनू चौधरी विनीता सिंह ब्लॉक अध्यक्ष रुदौली अशोक यादव जिला संयुक्त मंत्री आलोकेश रंजन रंजीत सिंह नवनीत सिंह जितेंद्र तिवारी मवई शिव शंकर सोनी संत शरण सिंह मोहित मौर्य देवेंद्र प्रताप सिंह मया संदीप सिंह राज नारायण सिंह राम जी सिंह विकास सिंह प्रदीप सिंह अवनीश दुबे मुन्ना लाल वर्मा रमेश वर्मा दंगल सिंह मंजेश मौर्य जिला मीडिया प्रभारी सचिन त्रिपाठी जिलाकोषाध्यक्ष दृगपाल सिंह अमित अनुपम जयंती पाठक शिखा सिंह पंकज आर्या, शैलेन्द्र सिंह सुधाकर पाण्डेय, अरविन्द तिवारी अर्पितसिंह जयंती पाठक, पुष्पा मौर्य रंजना वर्मा गीता राणा अनीस श्रीवास्तव अवधेश सिंह अजय सिंह सुजीत सिंह गुंजन सिंह कंचन मौर्य नवनीत सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक साथी मौजूद रहे।

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