भारत-पाकिस्तान मैच पर सियासी घमासान: तेजस्वी यादव का पीएम मोदी पर तंज, "रगों में सिंदूर" वाले बयान की दिलाई याद

नई दिल्ली: एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर देश में सियासी पारा चढ़ गया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस मैच को रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है। इसी पृष्ठभूमि में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग अपनी "रगों में सिंदूर बहने" की बात करते थे, वही आज यह मैच करवा रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री जी खुद कहा करते थे कि उनकी रगों में सिंदूर बहता है, तो इस सवाल का जवाब भी वही दें।" उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि "पाकिस्तान तो बीजेपी का पार्टनर है।" यादव का यह बयान उस राजनीतिक विवाद को और हवा दे रहा है जो इस क्रिकेट मैच को लेकर पहले से ही गरमाया हुआ है।
विपक्ष के कई नेता और आम लोग भी आतंकी हमलों के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध रखने का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जब सीमा पर तनाव हो और आतंकवाद की घटनाएं जारी रहें, तो ऐसे में क्रिकेट मैच खेलना शहीदों का अपमान है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल मई महीने में एक चुनावी रैली के दौरान यह बयान दिया था। "ऑपरेशन सिंदूर" के संदर्भ में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उनका "दिमाग ठंडा रहता है लेकिन खून गर्म है और उनकी रगों में सिंदूर बहता है।" इस बयान का आशय महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दृढ़ता से व्यक्त करना था।
हालांकि, उस समय भी इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई थीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई विपक्षी नेताओं ने इस बयान की आलोचना की थी।
अब, भारत-पाकिस्तान मैच के आयोजन पर उठे विवाद के बीच तेजस्वी यादव ने एक बार फिर प्रधानमंत्री के उसी बयान को सामने लाकर केंद्र सरकार और भाजपा को घेरने की कोशिश की है। उनका यह तंज इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि जो पार्टी और नेता राष्ट्रवाद और कड़े फैसलों की बात करते थे, वे अब व्यावसायिक हितों के लिए पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच की अनुमति दे रहे हैं।
यह सियासी बयानबाजी ऐसे समय में हो रही है जब देश में इस मैच को लेकर जनमत बंटा हुआ है। एक तरफ क्रिकेट प्रशंसक इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले का इंतजार कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ एक बड़ा वर्ग इसे राष्ट्रीय सम्मान और शहीदों के बलिदान से जोड़कर देख रहा है और मैच को रद्द करने की मांग कर रहा है।