कृष्ण चन्द प्रधान को याद कर भाव-विभोर हुए वृद्धजन- पितृ पक्ष पर आदर्श कल्याण सेवा समिति ने किया विशेष आयोजन

पुत्र अनिल प्रधान ने वस्त्र, फल, मिष्ठान व दक्षिणा देकर लिया आशीर्वाद
आनन्द गुप्ता/के0के0 सक्सेना
बहराइच/बाराबंकी।
पितृ पक्ष पर शनिवार को आदर्श कल्याण सेवा समिति द्वारा संचालित राजापुर माफी वृद्धाश्रम (बहराइच) और आलापुर ग्राम बाबूरिया स्थित आदित्य ओल्ड एज होम (बाराबंकी) में भावपूर्ण आयोजन हुआ। समिति के संस्थापक व भूतपूर्व प्रबंधक स्व. कृष्ण चन्द प्रधान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वृद्धजन भाव-विह्वल हो उठे।
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प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
दोनों आश्रमों में कार्यक्रम की शुरुआत स्व. कृष्ण चन्द प्रधान की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। वृद्ध माता-पिता, स्टाफ और समिति के प्रबंधक अनिल कुमार प्रधान ने मिलकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान वातावरण पूरी तरह भावुक हो उठा।
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भोजन, वस्त्र और फल से सम्मान
श्रद्धांजलि के बाद अनिल प्रधान ने वृद्धजनों को अंगवस्त्र पहनाए, फल और मिष्ठान वितरित किए तथा स्वयं अपने हाथों से भोजन कराया। वृद्धजनों के चेहरों पर मुस्कान और संतोष झलक उठा।
अनिल प्रधान ने कहा—
“पिता की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं। हमारे वृद्धजन केवल आश्रमवासी नहीं, बल्कि समाज की अमूल्य धरोहर और अनुभव के जीवंत प्रतीक हैं।”
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आशीर्वचन से गूँजा आश्रम
भोजन व दक्षिणा वितरण के उपरांत वृद्धजन भाव-विभोर हो उठे। एक वृद्धा ने कहा—
“अनिल बेटा हमें अपने हाथों से सेवा करता है, भगवान इसे लंबी उम्र और उन्नति दें।”
वहीं, एक अन्य वृद्धजन ने कहा—
“पुत्र वही है जो अपने माता-पिता के साथ समाज के बुजुर्गों को भी सम्मान दे। अनिल प्रधान ने इस परंपरा को जीवंत रखा है।”
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निरंतर सेवा का संकल्प
वार्डन श्रीमती अनुराधा ने बताया कि समिति द्वारा रोजाना वृद्धजनों की देखभाल की जाती है। दवा से लेकर भोजन तक की संपूर्ण व्यवस्था रहती है। यही कारण है कि वृद्धजन स्वयं को आश्रम में अकेला नहीं बल्कि परिवार का अंग महसूस करते हैं।
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समाज के लिए सीख
दोनों आश्रमों में हुए इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि पितृ भक्ति और वृद्धों का सम्मान ही भारतीय संस्कृति का आधार है। वृद्धजनों ने आशीर्वचन देते हुए कहा
“हमारे जैसे लोगों को भूलने की बजाय सम्मान देना ही सच्ची सेवा है।”