क्रांतिकारी विचारक लेखपाल विचित्र सक्सेना के निधन पर शोक सभा

बिलारी। नगर के एक बैंकट हॉल में क्रांतिकारी विचारक विचित्र सक्सेना के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें भारी तादात में क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे। उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए।
रविवार को समाज सेवी डॉक्टर राकेश रफीक ने कहा कि वर्ष 1978 में देश प्रेम की भावना से औत प्रौत नौजवानों ने अपना संगठन बनाया था। जिसमें विचित्र सक्सेना भी एक थे। उन्होंने अनेकों संघर्ष और आंदोलन में भाग लिया। जवान बेटे की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी का स्वैच्छिक मृत्युवरण उसके बाद एकांत बास में रहकर सोते समय वह मृत पाए गए। इस बीच वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला, बाद में 2 मिनट का मौन धारण कर आत्मा की शांति की प्रार्थना की। इस मौके पर काशीराम,संजय शर्मा, संजय सक्सेना,देवेंद्र गांधी, अचिंत कुमार मुन्ना,योगी कुमार प्रदीप, नवीन कांत गुप्ता, प्रेम कुमार, डॉक्टर मीनाक्षी सखी, कौशल क्रांतिकारी, जितेंद्र दक्ष, मोहम्मद आसिफ कमल एडवोकेट, रघुनाथ सक्सेना के अलावा विचित्र सक्सेना की बेटियां दामाद भाई का परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
वारिस पाशा बिलारी