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बसपा में वापसी: मायावती ने माफ किया अशोक सिद्धार्थ को , गुटबाजी पर भी कसा शिकंजा

बसपा में वापसी: मायावती ने माफ किया अशोक सिद्धार्थ को  , गुटबाजी पर भी कसा शिकंजा
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी से निष्कासित किए गए पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को माफ कर दिया है। सार्वजनिक माफी के बाद उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया है। सिद्धार्थ, मायावती के भतीजे और बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के ससुर हैं।

दलित वोटबैंक की एकजुटता पर फोकस

मायावती ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर खेद जताया है और अब वे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आंदोलन को आगे बढ़ाने में तन-मन-धन से काम करेंगे। राजनीतिक हलकों में इसे दलित वोटबैंक को दोबारा साधने की कवायद माना जा रहा है।

आकाश आनंद के नेतृत्व को मजबूती

बसपा के भविष्य के चेहरे के तौर पर उभर रहे आकाश आनंद की स्वीकार्यता को मजबूत करने के लिए भी यह कदम अहम माना जा रहा है। सिद्धार्थ की वापसी से संगठन और परिवार दोनों के बीच तालमेल का संदेश गया है।

गुटबाजी और अनुशासन पर नियंत्रण

फरवरी 2025 में गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सिद्धार्थ को बाहर किया गया था। अब वापसी से पहले सार्वजनिक माफी मंगवाकर मायावती ने यह साफ कर दिया है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी, लेकिन गलती स्वीकार करने वालों को दूसरा मौका जरूर मिलेगा।

आगामी चुनावों की तैयारी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा लगातार कमजोर हो रहे जनाधार को मजबूत करना चाहती है। संगठनात्मक स्तर पर पुराने नेताओं को वापस लाकर और कैडर को सक्रिय करके पार्टी 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है।

विपक्ष और कार्यकर्ताओं को संदेश

अशोक सिद्धार्थ की वापसी से बसपा ने यह संकेत दिया है कि पार्टी टूटकर नहीं बल्कि जोड़कर आगे बढ़ना चाहती है। कार्यकर्ताओं को भी साफ संदेश गया है कि निष्ठा और अनुशासन सर्वोपरि है।

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