यार हो तो जापान जैसा... दोस्ती क्या होती है, पीएम मोदी ने टैरिफ पर अड़े ट्रंप को गुजरात से बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के उत्पादन का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आज भारत की मेक इन इंडिया यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ रहा है. यह मेक इन इंडिया और मेकिंग फॉर द वर्ल्ड के हमारे लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण दिन है. पीएम मोदी ने बताया कि भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात 100 देशों में किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन भारत और जापान की दोस्ती को भी एक नया आयाम दे रहा है. मैं सभी देशवासियों, जापान और सुज़ुकी कंपनी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास Democracy की शक्ति है. भारत के पास Demography का advantage है. हमारे पास Skilled Workforce का बहुत बड़ा पूल भी है. इसलिए ये हमारे हर पार्टनर के लिए Win-Win Situation बनाता है.
आज सुज़ुकी जापान भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रही है, और यहां बनी गाड़ियां वापस जापान को एक्सपोर्ट की जा रही हैं. यह भारत और जापान के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक तो है ही, साथ ही भारत को लेकर ग्लोबल भरोसे को भी दर्शाता है.
भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है. भारत के पास डेमॉग्रफी का एडवांटेज है. हमारे पास स्किल्ड वर्कफोर्स का बहुत बड़ा पूल है. हमारे हर पार्टनर के लिए विन विन सिचुएशन है.सुजुकी जापान भारत में मैन्युफैक्टरिंग कर रही है और जो गाड़ियां बन रही है, वो वापस जापान को एक्सपोर्ट की जा रही है. ये जापान और भारत की रिश्तों की मजबूती को दिखाती है. भारत को लेकर ग्लोबल कंपनियों के भरोसे को भी दिखाता है.मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां मेक इन इंडिया की ब्रैंड ऐंबैसडर बन चुकी हैं. लगातार चार साल से मारुति भारत की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर है.आज से ईवी एक्सपोर्ट को उसी स्तर पर ले जाने की शुरुआती हो रही है. दुनिया के दर्जनों देशों में जो ईवी चलेगी- उस पर लिखा होगी, मेड इन इंडिया. ईवी इको सिस्टम का सबसे क्रिटिकल पार्ट बैटरी है. कुछ समय पहले तक बैटरी पूरी तरह इंपोर्ट होती थी. ईवी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती देने के लिए 2017 में टीडीएसजी बैटरी प्लांट की नींव रखी गई थी. 3 जापानी कंपनियां मिलकर भारत में पहली सेल बनाएगी. कुछ साल पहले तक ईवी एक नए विकल्प के तौर पर देखा जाता था. यह कई समस्याओं का ठोस समाधान है. मैं सिंगापुर दौरे के दौरान कहा था कि हम पुरानी गाड़ियों, एंबुलेंस को हाइब्रिड ईवी में बदल सकते हैं. मारुति सुजुकी ने इस चैलेंज को स्वीकार किया और एक हाइब्रिड ऐंम्बयुलेंस का प्रोटोटाइप तैयार किया है.