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उत्तर प्रदेश

'मेरी हत्या हुई तो उसका दोषी अखिलेश यादव को ही माना जाए'...सपा मुखिया के लिए पूजा पाल ने अपने लेटर में ये क्या क्या लिखा

मेरी हत्या हुई तो उसका दोषी अखिलेश यादव को ही माना जाए...सपा मुखिया के लिए पूजा पाल ने अपने लेटर में ये क्या क्या लिखा
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प्रयागराज में चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल बीते कुछ दिनों से सपा के खिलाफ हमलावर हैं. पूजा पाल को सपा ने पार्टी विरोधी बताकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था. ऐसे में पूजा पाल अब फ्रंट फुट पर आकर सपा और अखिलेश के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रही हैं. हाल ही में पूजा पाल ने एक्स पर एक लेटर शेयर किया है. इसमें उन्होंने अखिलेश यादव पर जमकर तंज कसा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि 'अगर मेरे पति की तरह मेरी भी हत्या होती है तो इसका वास्तविक दोषी समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को ही माना जाए.

पूजा पाल ने लेटर में क्या-क्या लिखा

पूजा पाल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'मैं विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करके दो बार विधायक बनी बिना समाजवादी पार्टी के सहयोग के. किन्तु मेरे पति के हत्यारे को पहले की सरकारों द्वारा संरक्षण दिया जाता रहा है. आपके आने के उपरान्त हमें कुछ आपके कार्य व्यवहार से ऐसा आभाष हुआ कि अपराधियों के विरूद्ध आप हम जैसे पिछड़े/गरीब लोगों को भी न्याय दिला सकते हो. इसी कारण मैंने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं / नेताओं के कहने से पार्टी ज्वाइन कर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक बनी.लेकिन जब मैं समाजवादी पार्टी में कार्य करने लगी तो मुझे एहसास होने लगा कि यहां पिछड़े, अति पिछड़े और दलित सब दूसरे दर्जे के नागरिक हैं. पहले दर्जे के नागरिक तो मुस्लिम ही हैं. यह चाहे जितने बड़े अपराधी हों उनको सम्मान देना, उनको ताकत देना, उनकी शक्ति बढ़ाना समाजवादी पार्टी की पहली प्राथमिकता है. मैंने बहुत प्रयास किया कि आप हमारे पति के हत्यारों को उनके किए कि सजा दिलायेगें. लेकिन उत्तरोत्तर प्रयास के बावजूद सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.'

'लेकिन भारतीय जनता पार्टी में चाहे जितना बड़ा अपराधी हो उसे सजा दी जाती है. ऐसा एहसास हमको होने लगा और जिसका परिणाम हम और सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश वासियों ने देखा. जब मेरे पति के हत्यारे व उनके परिवारवालों को दण्ड मिला तो समाजवादी पार्टी और सैफई परिवार के प्रत्येक सदस्य ने मेरे पति के हत्यारे के पक्ष में सदन से सड़क तक आवाज बुलन्द की. इस कारण मुझे आपकी नीतियों से भरोसा उठ गया. महोदय आपने मुझे पार्टी से निस्कासित कर दिया है. एक बार मैं यह चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश की जनता पिछड़ी, अति पिछड़ी और दलित यह देख तो लेती कि हमको निकाला क्यों गया. कम से कम एक बार मेरे द्वारा पार्टी के भीतर किये गए गुनाहों की जानकारी देते हुए हमारा पक्ष/जवाब भी मांगा जाना चाहिए था और जब मैं अपने ऊपर आपके द्वारा लगाये गये आरोपों का जवाब आपको प्रेषित करती तो दोनों पक्षों, आपके निस्कासन के कारण और उस पर हमारा जवाब उत्तर प्रदेश की जनता कम से कम देखती, सुनती तो निर्णय ले पाती क्या सचमुच आप सम्पूर्ण पीडीए के संरक्षक हो या सिर्फ पिछड़ों और दलितों को छलने का काम समाजवादी पार्टी कर रही है.

'अगर आपने मुझे भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा के प्रत्याशी को वोट देने के कारण पार्टी से निस्कासित किया है तो मैं पूंछना चाहती हूं कि हमारे निस्कासन के बाद अभी आपने कांस्टीट्यूशनल क्लब, दिल्ली के चुनाव में स्वयं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिया है तो आप हमे इस बात की सजा कैसे दे सकते हो, लेकिन यह आपका अहंकार ही है कि एक विधवा अति पिछड़ी जाति की बेटी के भीतर आपको गुनाह दिखता है और जब यही गुनाह आपकी पत्नी स्वयं भारतीय जनता पार्टी को कान्स्टीट्शनल क्लब में वोट देकर आती है तो वह गुनाह नहीं होता है. आप, आपकी पत्नी और आपकी पूरी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया ऐसे कई बार अवसर आये जब आपने कभी कांग्रेस को वोट दिया/दिलाया और कभी बसपा को वोट दिया /दिलाया'.


'आपने अपने स्वार्थ में अपनी सैफई प्राइवेट लि० कम्पनी को बढ़ाने के लिये दूसरे दलों को वोट दिलाकर / देकर समर्थन किया. अगर आप अपने स्वार्थ में ऐसा कर सकते हो तो नौ दिन की विवाहिता बेटी विधवा हो गयी और उसको किसी ने यदि न्याय दे दिया और हमने इतने बड़े काम के बदले न्याय देने वाले को सिर्फ धन्यवाद दे दिया तो मुझे पार्टी से निकाल दिया जाता है जबकि यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. महोदय आप और हम दोनों ने बहुत करीब से देखा है कि आजाद भारत के इतिहास में मेरी जैसी बदनसीब बेटी कोई दूसरी नहीं होगी जिसके पति की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी जाती है कि उसने संविधान और लोकतन्त्र के आधार पर चुनाव जीता हो. किन्तु जो हारा हो यह कहकर मेरे पति की हत्या कर देता है कि भले ही जनता ने चुनाव जितवा दिया हो, मैं तुम्हें हरा दूंगा और उनकी हत्या कर दी जाती है. हत्या किये जाने का अगर तरीका एक बार श्री अखिलेश यादव जी फिर से आप अपने दिमाग पर जोर दीजिये कि प्रयागराज की सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर मेरे पति की हत्या होने के बाद जब उन्हें हास्पिटल ले जाया गया. लगभग एक घंटे बाद हास्पिटल में जाकर एके 47 राइफल से फिर से गोली चलायी गयी कि कहीं जीवित तो नहीं है. इसी प्रकार आपकी सरकार जो संविधान बचाने का ढ़ोग करती है. मैं अति पिछड़े परिवार की बदनसीब बेटी के पति के पार्थिव शरीर को अन्तिम संस्कार के लिये भी नहीं दिया जाता है. कल्पना करें कि श्री अखिलेश यादव जी आपके राजनीतिक जीवन में एक भी बेटी के साथ इस तरह की घटना नहीं हुयी होगी. किन्तु आप उसमें भी साथ नहीं दे सके. लेकिन नारी में शक्ति होती है कभी दुर्गा बन जाती है और किसी से भी लड़ सकती है. मुझे मॉ भगवती एवं मेरे अराध्य शिव जी ने ताकत दी आप अतीक अहमद जैसे पापी के आगे झुक गये होगें. लेकिन इतने दिनों में मैं कभी किसी माफिया के सामने न झुकी हूं और ना भयभीत हुई और लड़ती रही'.


'महोदय आपकी पार्टी से निस्कासन का दर्द इतने बडे-बड़े दर्द सहने के उपरान्त मुझे बहुत छोटा दिखता है. लेकिन मुझे भरोसा है उत्तर प्रदेश की जनता पर, मुझे भरोसा है पूरे उत्तर प्रदेश के अपने पाल समाज के ऊपर कि वह हमारी शक्ति बनेगें और मैं फिर लडूंगी और जीतूंगी. महोदय एक बेकसूर, विधवा, अनाथ, अति पिछड़े की बेटी पूजा पाल को समाजवादी पार्टी के लोग किस-किस तरह की गन्दी गन्दी गालियां शोसल मीडिया पर देते हैं यहां तक की जान से मारने की भी धमकियां दी जाती हैं. किन्तु मैंने अपना वास्तविक लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. मेरे पति के हत्यारों को सजा मिल गयी. अब मुझे मौत भी मिले तो भी गर्व ही होगा. किन्तु आपने मुझे जिस तरह बीच रास्ते में अपमानित कर मरने के लिये छोड़ दिया है, जिससे समाजवादी पार्टी के अपराधी अनुयायिओं का मनोबल बहुत बढ़ गया है. इसलिए सम्भव है मेरे पति की भांति मेरी भी हत्या हो जाए. यदि ऐसा होता है तो मैं सरकारों से प्रशासन से मांग करती हूं कि मेरी हत्या का वास्तविक दोषी समाजवादी पार्टी / श्री अखिलेश यादव को ही माना जाए.'

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