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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में कार सवार ने घर के बाहर खेल रहे बच्चों को रौंदा

लखनऊ में कार सवार ने घर के बाहर खेल रहे बच्चों को रौंदा
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लखनऊ। आशियाना के सेक्टर आई में कार सवार ने घर के सामने खेल रहे दो बच्चों को टक्कर मार दी। इसके बाद कार मकान के गेट से टकरा गई। घटना में एक बच्चे को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि दूसरे की हालत सामान्य है।

पीड़ितों ने आरोपित और उसके पिता पर धमकाने के आरोप लगाते हुए आशियाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। घटना के आठ दिन बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की है। हादसे के वक्त कार बेटा चला रहा था, जबकि उसे बचाने के लिए टक्कर के बाद बाप ड्राइविंग सीट पर बैठ गया

स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त सेक्टर-आई आशियाना निवासी हरिद्वार पांडेय, बेटे अंकित व बहू के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को पोता शौविक पांडेय साइकिल लेकर घर के बाहर खेलने के लिए जा रहा था।

पड़ोसी विनय उपाध्याय का बेटा कुशल सौमिल भी साथ में था। इस बीच मोहल्ले के ही रहने वाले सीएल वर्मा का बेटा शिवांश कार लेकर आया और शौविक को जान से मारने की नीयत से जोरदार टक्कर मार दी।

टक्कर लगने से कुशल छिटककर दूर जा गिरा, जबकि शौविक घर के अंदर गिरा। टक्कर इतनी तेज थी कि मकान का गेट भी टूट गया। हादसे के दौरान कार शिवांश चला रहा था उसे कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए सीएल वर्मा खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गए।

उन्होंने पीड़ितों के परिवार और अन्य लोगों से बताया कि बच्चे अचानक कार के सामने आ गए थे इस वजह से हादसा हुआ। टक्कर लगने की पूरी घटना पास में लगे एक सीसी कैमरे में कैद हो गई।

इसी से पड़ोसियों का झूठ पकड़ में आया। इसके बाद हरिद्वार पांडे ने आशियाना थाने में तहरीर दी। आरोप है कि तहरीर लेकर पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। घटना की सीसी फुटेज सामने आई तो मुकदमा दर्ज किया गया।

पोते को गोद में लेकर भागे, हड्डी पसलियां टूटी

हरिद्वार पांडे ने बताया कि घटना के बाद कुछ भी समझ नहीं आया। दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। घायल पोते को गोद में उठाकर भागे। निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन दिन तक वह आईसीयू में भर्ती रहा। चिकित्सकों के मुताबिक शौविक की कालर बोन और पसलियां टूट गई हैं।

घर बुलाकर धमकाने के आरोप

पीड़ितों का कहना है कि घटना के बाद सीएल वर्मा मिलने तक नहीं आए। न ही उन्होंने अस्पताल आना जरूरी समझा। शुरुआत में वह बच्चों की ही गलती बताते रहे। सीसी फुटेज से मामला साफ हुआ।

पूछने पर भी वह अपने बेटे की गलती मानने को तैयार नहीं हुए। शनिवार को उन्होंने मामले में समझौता करने के लिए अपने घर बुलाया। घर पहुंचने पर सीएल वर्मा और उनके साथ बैठे कई अन्य लोगों ने धमकाते हुए मामले को रफा दफा करने की बात कही।

पुलिस ने भी की लापरवाही

हरिद्वार पांडे के मुताबिक, सीएल वर्मा के घर में मौजूद लोगों ने भी बच्चों की गलती बताते हुए घटना को दबाने के प्रयास किए। इस पूरे मामले की शिकायत आशियाना पुलिस से की गई लेकिन उन्होंने भी गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने पुलिस पर तहरीर बदलवाने के भी आरोप लगाए हैं।

घटना 10 अगस्त की थी और आशियाना पुलिस ने एक सप्ताह बाद मुकदमा दर्ज किया। आशियाना इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह का कहना है कि तहरीर मिलने के बाद ही मुकदमा दर्ज हुआ है। उन्होंने लापरवाही की बात को निराधार बताया है।

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