रक्षाबंधन की रौनक से गुलजार बाज़ार- राखियों की चमक और अन्दरसे की मिठास से बढ़ेगा पर्व का उत्साह

जतिन यज्ञसैनी/अनवार खाँ मोनू
बहराइच। भाई-बहन के स्नेह और पावन रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे बहराइच के बाजारों में चहल-पहल बढ़ती जा रही है। नगर के प्रमुख बाजारों – छोटी बाजार और पानी टंकी चौराहे के आस-पास सड़कों की दोनों पटरियों पर राखी विक्रेताओं ने अपने अस्थायी स्टॉल सजा लिए हैं। इधर स्थायी दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों के आगे सड़क तक कब्जा जमा लिया है, जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है।
त्योहार के इस अवसर पर जहां एक ओर शहर की रौनक देखते ही बन रही है, वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण और अनियंत्रित ट्रैफिक के कारण आमजन को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों की चौड़ाई कम होने से जाम की स्थिति बन रही है। खासकर दोपहर से शाम के बीच बाजार क्षेत्र में घंटों जाम में फंसे रहना अब रोजमर्रा की समस्या बन गई है।
अन्दरसे की मिठास भी परवान पर
राखी के साथ रक्षाबंधन की एक और परंपरा है – चावल के आटे से बना पारंपरिक व्यंजन ‘अन्दरसा’, जिसकी मांग इन दिनों चरम पर है। गुदड़ी बाजार में अन्दरसा बनाने का कार्य ज़ोरों पर है। दुकानों के सामने तैयार अन्दरसों की ढ़ेरियां सज चुकी हैं, जो ग्राहकों को अपनी ओर खींच रही हैं। यह विशेष मिठाई बहनें अपने भाई को टीका करने के बाद मुंह मीठा कराने में उपयोग करती हैं। मान्यता है कि इससे भाई की उम्र लंबी होती है और जीवन सुखमय रहता है।
प्रशासन मौन, नागरिक परेशान
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि त्योहार के समय प्रशासन को बाजार क्षेत्र में विशेष निगरानी करनी चाहिए ताकि सड़कों पर अनावश्यक अतिक्रमण न हो और ट्रैफिक व्यवस्थित रहे। परंतु, अभी तक नगर प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई प्रभावी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।
रक्षाबंधन जैसे पारंपरिक और सांस्कृतिक पर्व के अवसर पर बाजारों की रौनक स्वाभाविक है, परंतु यह भी आवश्यक है कि व्यवस्था बनी रहे, ताकि हर नागरिक त्योहार की खुशियों में बिना किसी अवरोध के शरीक हो सके।