ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चाः राउंड वन किसके नाम? कौन पड़ा 'बिग फाइट' में भारी? जानिए

नई दिल्ली:
लोकसभा में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर महाबहस हुई. डिबेट के लिए 16 घंटे का समय तय किया गया. इस दौरान कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. कई बार सीधे तो कई बार इशारों में एकदूसरे पर तीर छोड़े गए. आइए बताते हैं, लोकसभा में चर्चा के दौरान किस-किस नेता ने तीखे जवाब दिए.
राजनाथ सिंहः विपक्ष के सवालों पर दागे सवाल
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाने वाले विपक्ष के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस अभियान में भारत के कितने विमान गिरे, यह पूछने के बजाय यह पूछना चाहिए कि देश की सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान गिराए. उन्हें पूछना चाहिए कि कितने आतंकी ठिकानों को तबाह किया. ये पूछना चाहिए कि क्या हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटा दिया? प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या जांबाज सैनिकों को कोई क्षति हुई? उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है. किसी परीक्षा में कोई बच्चा अच्छे अंक लेकर आ रहा है तो हमारे लिए उसके अंक मायने रखने चाहिए. इस बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए कि परीक्षा में उसकी पेंसिल टूट गई थी या उसका पेन खो गया था.
गौरव गोगोईः सच्चाई बताएं राजनाथ, हम साथ हैं
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया था और पहलगाम के आतंकी अब तक गिरफ्त से बाहर क्यों हैं? उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने बहुत सी सूचनाएं दी, लेकिन रक्षा मंत्री होने के नाते यह नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आ गए? आतंकवादियों ने कैसे वहां पहुंचकर लोगों की हत्या की? राजनाथ सिंह बताएं कि कितने विमान गिरे. सरकार सच्चाई से डरे नहीं. देश और विपक्ष पहले भी साथ खड़ा था और आज भी खड़ा है.
गोगोई ने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को लेनी चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह (रक्षा मंत्री) कहते हैं कि हमारा मकसद युद्ध नहीं था, क्यों नहीं था, यह होना चाहिए था. अगर पीओके आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे?गोगोई ने आरोप लगाया कि यह सरकार इतनी कमजोर और बुजदिल है कि पहलगाम हमले के बाद टूर ऑपरेटर को दोष दिया कि उनकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में अहंकार आ गया है.
जयशंकर को टोका तो शाह ने सुनाई खरी-खरी
ऑपरेशन सिंदूर में विदेश मंत्री एस जयशंकर जवाब दे रहे थे, उसी दौरान विपक्ष की तरफ से शोरगुल शुरू हो गया. इससे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नाराज हो गए और विपक्षी नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई. दरअसल, जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है, खासकर जब इसकी शुरुआत पाकिस्तान से होती है. भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता से इनकार करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच एक बार भी बात नहीं हुई थी. इसी को लेकर विपक्षी नेता शोरशराबा करते हुए सवाल उठाने लगे.
इस पर अमित शाह नाराज हो गए और कहा कि विपक्षी नेताओं से कहने लगे कि मुझे आपत्ति इस पर है कि भारत देश की शपथ लिए हुए विदेश मंत्री यहां बोल रहे हैं, उन पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है. मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का क्या महत्व है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोपी जाएं. अमित शाह ने यहां तक कहा कि यही रवैया रहा तो (विपक्षी नेता) जहां बैठे हैं, वहीं 20 साल और बैठे रहेंगे. शाह ने आगे कहा कि जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे. मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं. अब वे सत्य भी नहीं सुन पा रहे हैं. इतने गंभीर विषय पर टोकाटाकी करना क्या विपक्ष को शोभा देता है?उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि इन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे.
ललन सिंहः असली नस पकड़ा गया, इलाज भी होगा
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह अपनी बात रख रहे थे, उसी दौरान कुछ विपक्षी सदस्य शोरगुल करते हुए बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मु्द्दा उठाने लगे. इस पर जेडीयू नेता ललन सिंह ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘जाओ न... उधर वोटर काफी जाली बनवाए हो... उधर जाकर देखो. केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने आगे कहा कि असली नस पकड़ा गया है... इलाज भी पक्का होगा. SIR का विरोध कर रहे विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एक चीज बता देते हैं कि असली बीमारी पकड़ा जाता है तो उसका इलाज भी परफेक्ट होता है. डायग्नोसिस अगर सही हुआ तो ट्रीटमेंट भी पक्का होता है... आपकी बीमारी समाप्त हो जाएगी, चिंता मत करिए.
विरोध पर बोले जेडीयू नेता, प्रवचन मत दो यार
ललन सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक भी शब्द इस देश की सेना की वीरता और पराक्रम पर नहीं कहा. आप सेना की प्रशंसा नहीं कर रहे, बल्कि पूछ रहे हैं कि कितने जहाज गिरे, कितनी मिसाइल गिरीं. क्या आपकी नजर में देश के सैनिकों का कोई महत्व नहीं है? पूरे देश ने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से दागी गईं सारी मिसाइलें हवा में फुलझड़ी की तरह फुस्स हो गईं, लेकिन आपको नहीं दिखता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीए शासनकाल (2004 से 2014 तक) में देश में आतंकवाद पनपा. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद से लड़ने का आपमें न तो साहस था और न ही दम. आप केवल खानापूर्ति करते थे और घड़ियाली आंसू बहाते थे.
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने गौरव गोगोई पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने एक भी शब्द काम की बात नहीं की. एक भी शब्द देश की सेना पर, उनके पराक्रम पर और उनके अदम्य साहस पर नहीं कहा. हालांकि बाद में विपक्ष की ओर से विरोध होने पर ललन सिंह उखड़ गए. उन्होंने कहा कि प्रवचन मत दो न यार. आतंकवादियों को 'शहीद' कहने और आतंकी मसूद अजहर को 'साहब' बोलने को लेकर भी ललन सिंह पर सियासी हमले हुए.
अनुराग ठाकुरः LoP नहीं, LoB बन गए राहुल गांधी
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि अब वह ‘एलओपी' (विपक्ष के नेता) से ‘एलओबी' (लीडर ऑपोजिंग भारत) बन गये हैं. उनके एजेंडे में केवल भारतीय सेना और प्रधानमंत्री का विरोध करना लिखा है. ठाकुर ने सदन में नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पता नहीं, वह (राहुल) कांग्रेस के पोस्टर ब्वॉय बन पाए, न बन पाए लेकिन पाकिस्तान के ‘दुष्प्रचार के पोस्टर ब्वॉय' जरूर बन गए हैं.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब भारतीय सेना पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही थी... तो राहुल गांधी जी क्या कर रहे थे? वह सबूत मांग रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत ‘ढाई मोर्चे' पर लड़ाई लड़ रहा था. दो मोर्चे तो सबको पता हैं, लेकिन यह जो ‘आधा मोर्चा' है उसमें ‘राहुल ऑक्यूपाइड कांग्रेस' भी है. भाजपा सांसद ने विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि आपने कहा कि हमने सरेंडर कर दिया, जबकि हमने स्पष्ट किया है कि जब तक सैन्य उद्देश्य पूरा नहीं हुआ था, हमने संघर्ष विराम नहीं किया था. तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को हमने पहले ही नकार दिया था.
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में आज पाकिस्तान के इतने बड़े-बड़े ‘एडवोकेट' हैं कि पाकिस्तान अपनी पैरवी बाद में करता है, कांग्रेस के नेता उसकी पैरवी करने के लिए पहले खड़े हो जाते हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि उन्हें पहले लगता था कि इन्हें दिक्कत पीएम मोदी से है, लेकिन अब पूरा विश्वास है कि इन्हें दिक्कत मातृभूमि से है. कहने को तो यह आईएनसी (इंडियन नेशनल कांग्रेस) है, लेकिन इनके बयानों और तरीकों से यही लगता है कि यह ‘इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस' बन गयी है.
असदुद्दीन ओवैसीः गोरे ने सीजफायर का ऐलान किया
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में साढ़े सात लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, ऐसे में चार चूहे (आतंकवादी) कैसे आ गए और हमारे लोगों की जान ले ली. ओवैसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत-पाकिस्तान में कथित संघर्षविराम कराने का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम ने नहीं, गोरे ने व्हाइट हाउस में बैठकर के सीजफायर का ऐलान किया.