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भारत के हमलों से डरकर गिड़गिड़ाया था पाकिस्तान, रक्षा मंत्री ने संसद में बताया

भारत के हमलों से डरकर गिड़गिड़ाया था पाकिस्तान, रक्षा मंत्री ने संसद में बताया
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संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर एक विशेष चर्चा हो रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात करते हुए बताया, भारत के हमलों से डरकर पाकिस्तान गिड़गिड़या था. रक्षा मंत्री ने कहा, 6 और 7 मई 2025 को, भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. वो केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, उसकी अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी थी.

रक्षा मंत्री ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया था. हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन, हमने उस विकल्प को चुना जिसमें, आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई किसी तरह की क्षति न हो. राजनाथ सिंह ने कहा, सबसे पहले मैं इस सदन के माध्यम से, देश के उन वीर सपूतों को, उन बहादुर सैनिकों को नमन करता हूं, जो इस राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते हैं. साथ ही, मैं उन सैनिकों की स्मृति को भी नमन करता हूं, जिन्होंने भारत की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने के लिए बलिदान दे दिया.

100 से अधिक आतंकवादी मारे गए

हमारी सेनाओं की तरफ से किए गए कोआर्डिनेट हमलों में 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस सैन्य कार्रवाई में एक अनुमान के अनुसार करीब सौ से अधिक आतंकवादी,उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए हैं. इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से संबंधित थे. ये वही आतंकी संगठन हैं, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन हासिल है.

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, हमारी कार्रवाई पूरी तरह से सेल्फ डिफेंस में थी, यह प्रोवोकेटिव नहीं थी. फिर भी 10 मई 2025 को रात लगभग 1 बजकर 30 मिनट पर पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर भारत के ऊपर मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट और अन्य लॉन्ग रेंज हथियारों का इस्तेमाल किए. रक्षा मंत्री ने आगे कहा, मुझे यह कहते हुए गौरव का अनुभव हो रहा है कि हमारे एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया.

“PAK हमारे टारगेट को हिट नहीं कर पाया”

पाकिस्तान हमारे किसी भी टारगेट को हिट नहीं कर पाया. हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी और हर हमले को रोका गया. मैं इसके लिए भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों की जम कर सराहना करता हूं, जिन्होंने दुश्मन के हर मंसूबे पर पानी फेर दिया.

उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान के इस हमले के जवाब में हमारी कार्रवाई साहसिक, ठोस और प्रभावी रही. भारतीय वायुसेना ने वेस्टर्न फ्रंट पर पाकिस्तान के हवाई अड्डों, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स, सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया. इस मिशन को हमारी सेनाओं ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

“PAK की हर हरकत का करारा जवाब दिया”

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ऑपरेशन सिंदूर Tri Services Coordination का शानदार उदाहरण बना. जब भारतीय वायुसेना ने आसमान से हमले किए, हमारी थल सेना ने जमीन पर मोर्चा संभाले रखा था. हमारे जवान नियंत्रण रेखा पर पूरी ताकत से डटे रहे और पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया. उन्होंने आगे कहा, इस ऑपरेशन का मकसद आतंकी कैंपस और उनके समर्थक को टारगेट करना, उन्हें नेस्तनाबूद करना था और ये साफ संदेश देना कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलिरेंस रखता है.

भारत ने क्यों रोकी कार्रवाई?

रक्षा मंत्री ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि भारत ने कार्रवाई क्यों रोकी. उन्होंने कहा, भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी, क्योंकि संघर्ष के पहले और उसके दौरान जो भी राजनीतिक और सैन्य ऑबजेक्टिव तय किए गए थे, उसे हम पूरी तरह से हासिल कर चुके थे. इसलिए यह कहना या मानना कि यह ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया, बेबुनियाद और सरासर गलत है.

उन्होंने आगे कहा, ऑपरेशन सिंदूर उन मासूम परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लॉन्च किया गया था, जिन्होंने पाक-स्पॉन्सर्ड आतंकी हमले में, अपने प्रियजनों को खोया था. हमारी सेनाओं ने सिर्फ उनको टारगेट किया, जो इन आतंकियों को समर्थन करते हुए भारत पर हमला करने की कोशिश में लगातार शामिल थे. ऑपरेशन सिंदूर का मकसद यह था कि आतंकवाद के रूप में प्रॉक्सी वार लड़ रहे पाकिस्तान को सजा दी जाए. इसी वजह से आर्मी को पूरी स्वतंत्रता दी गई थी कि वो अपने टारगेट खुद चुनें और करारा जवाब दें.

“विपक्ष पूछता है कि कितने विमान गिरे”

राजनाथ सिंह ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर क्यों शुरू किया गया, इसकी जानकारी पहले भी दी गई है और आज भी मैंने सदन को दी है. विपक्ष के कुछ लोग पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे? मुझे लगता है उनका यह प्रश्न, हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा है. उन्होंने एक बार भी हमसे यह नही पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? अगर उन्हें प्रश्न पूछना ही है, तो उनका प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, तो उसका उत्तर है, हां.

क्यों रोका गया ऑपरेशन सिंदूर

रक्षा मंत्री ने कहा, 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की. मैं सदन में यह बात फिर से दुहराना चाहूंगा कि पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की. 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का निर्णय लिया.

उन्होंने आगे कहा, भारतीय वायुसेना के जबरदस्त हमलों, नियंत्रण रेखा पर थल सेना की मजबूत जवाबी कार्रवाई और नौसेना के हमलों के डर ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर कर दिया. पाकिस्तान की यह हार उनकी एक सामान्य विफलता नहीं थी, बल्कि यह उसके सैन्य बल और मनोबल दोनों की हार थी.

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