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उत्तर प्रदेश

चंदौली में बंदरगाह परियोजना बना विस्फोटक मुद्दा:बिना पूर्व सूचना ज़मीन अधिग्रहण को लेकर ग्रामीण महिलाओं का प्रशासन से तीखा टकराव, पुलिस लौटी बैरंग

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रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग मोहम्मद अफजल

डीडीयू नगर, चंदौली: चंदौली जनपद के डीडीयू नगर अंतर्गत मिल्कीपुर गांव में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। शुक्रवार को अचानक भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक अमले को ग्रामीणों — विशेषकर महिलाओं — के उग्र विरोध का सामना करना पड़ा। महिलाएं पुलिस के सामने सीना ताने खड़ी हो गईं और ज़मीन अधिग्रहण का तीखा विरोध करते हुए प्रशासन पर धक्का-मुक्की व जबरन ज़मीन कब्जाने का आरोप लगाया।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पूर्व में कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी गई और अचानक पुलिस के बल पर जमीन खाली कराई जा रही है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। इस विरोध प्रदर्शन में ग्राम प्रधान कन्हैया लाल राव, मास्टर विद्याधर, विनय मौर्य, चंद्रप्रकाश मौर्य, अखिलेश सिंह, डब्लू साहनी, सुजीत भारती, कमलेश भारती, शंकर साहनी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल रहे।

बड़ी संख्या में लामबंद हुईं ग्रामीण महिलाओं ने प्रशासन के सामने डटकर विरोध किया और स्पष्ट कहा कि वे अपनी पुश्तैनी जमीन किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगी। महिलाओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना लिखित नोटिस या मुआवज़ा तय किए जबरन खेतों पर कब्जा किया जा रहा है।विरोध प्रदर्शन के दौरान नारेबाज़ी, धक्का-मुक्की और जमकर हंगामा हुआ। स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिशों के बावजूद पुलिस प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और अंततः उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

बता दें कि मिल्कीपुर क्षेत्र में बंदरगाह परियोजना को लेकर जमीन अधिग्रहण का विवाद कोई नया नहीं है। पहले भी ग्रामीणों द्वारा इस परियोजना के खिलाफ कई बार प्रदर्शन और ज्ञापन दिए जा चुके हैं। ग्रामीणों का मानना है कि बंदरगाह परियोजना की आड़ में उनकी खेती-किसानी छीनी जा रही है, जबकि उन्हें इसका समुचित मुआवज़ा और पुनर्वास योजना तक नहीं दिखाई गई है।

महिलाओं के विरोध प्रदर्शन से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें महिलाएं ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए दिख रही हैं। वीडियो में पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने नजर आते हैं, जिससे मौके की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। वहीं आपको बता दें कि पूरे प्रकरण पर अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, ज़िला प्रशासन जल्द ही बैठक कर मामले पर पुनर्विचार कर सकता है।बंदरगाह परियोजना के नाम पर ज़मीन अधिग्रहण को लेकर चंदौली के ग्रामीणों का यह विरोध अब तेज़ होता जा रहा है। यदि प्रशासन ने जल्द पारदर्शी संवाद और उचित समाधान नहीं किया, तो यह मुद्दा और अधिक व्यापक आंदोलन का रूप ले सकता है।

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