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सावन का दूसरा सोमवार कल, इस शुभ मुहूर्त में करें भोलेनाथ का अभिषेक

सावन का दूसरा सोमवार कल, इस शुभ मुहूर्त में करें भोलेनाथ का अभिषेक
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सावन का महीना महादेव का प्रिय माह है, क्योंकि इसमें वे पृथ्वी लोक पर अपने ससुराल में आते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में थोड़ी सी पूजा से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों के सारे दुख दूर कर देते हैं. सावन में पड़ने वाले सोमवार का खास महत्व माना गया है. सावन का दूसरा सोमवार कल 21 जुलाई को है. ऐसे में अगर आप महादेव की आराधना करने वाले हैं, तो इस लेख में आपको सारी जानकारी मिल जाएगी कि शिवजी की जलाभिषेक किस समय करें, मंत्र क्या है, पूजा विधि क्या है और क्या चीजें शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए.

सावन का दूसरा सोमवार जलाभिषेक मुहूर्त

सावन सोमवार जलाभिषेक शुभ मुहूर्त 21 जुलाई को सुबह 4:14 मिनट से लेकर सुबह 4:55 मिनट तक रहेगा. सावन के दूसरे सोमवार को शिवजी का जलाभिषेक करने के लिए यह सबसे उत्तम समय रहेगा.

सोमवार को शिव जी की पूजा कैसे करें?

सोमवार को शिव जी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर पूजा स्थल को साफ करके शिवलिंग स्थापित करें. इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से करें. फिर बेलपत्र, फूल, धूप-दीप शिवलिंग पर अर्पित करें और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. अंत में आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं.

सावन के दूसरे सोमवार को क्या करना चाहिए?

सोमवार का व्रत:- सावन सोमवार का व्रत रखने और शिवजी की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं.

शिव पुराण का पाठ:- सावन सोमवार को शिव पुराण का पाठ करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

दान-पुण्य:–सावन सोमवार के दिन गरीबों को भोजन कराना, वस्त्र दान करना और दान-पुण्य करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

भगवान शिव को प्रसन्न करने के मंत्र

शिव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र हैं, जिनमें से “ॐ नमः शिवाय” सबसे प्रसिद्ध है. इसके अलावा, “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” और “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥” जैसे मंत्र भी शिव जी को प्रसन्न करने के लिए जपे जाते हैं.

भगवान शिव को जल देने का मंत्र

भगवान शिव को जल चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके अलावा, आप “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्” मंत्र का भी जाप कर सकते हैं.

सावन के दूसरे सोमवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

सावन के सोमवार पर भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें चढ़ाने से भक्त पर उनकी कृपा बरसती है. सावन के दूसरे सोमवार को शिवलिंग पर काला तिल, गेहूं, इत्र, धतूरा, बेलपत्र, चंदन, शहद, गन्ने का रस और दूध आदि चढ़ाना चाहिए.

सोमवार को शिवजी को कौन सा फल चढ़ाना चाहिए?

सावन के दूसरे सोमवार को भगवान शिव को केला, सेब, अमरूद और बेलपत्र जैसे फल चढ़ाए जा सकते हैं. इसके अलावा, धतूरा और बेर भी शिवजी को प्रिय माने गए हैं, इन्हें भी आप भोलेनाथ को चढ़ा सकते हैं.

शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर कुछ विशेष चीजें चढ़ाना वर्जित माना जाता है. इनमें तुलसी के पत्ते, केतकी के फूल, शंख से जल, सिंदूर, हल्दी, लाल रंग के फूल और टूटा हुआ बेलपत्र शामिल हैं. इन चीजों का शिव पूजन में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

शिव जी को कौन से फूल चढ़ाने चाहिए?

भगवान शिव को कई तरह के फूल चढ़ाए जा सकते हैं, जिनमें शमी का फूल, धतूरा, कनेर, बेला, चमेली, गुलाब, और आक (मदार) का फूल शामिल हैं. हर फूल का अपना महत्व है और शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इन्हें अलग-अलग तरीकों से चढ़ाया जाता है.

शिव जी को कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?

भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा, भगवान शिव की लाल रंग के फूल, कंटकारी फूल, कमल का फूल, जूही का फूल, केवड़ा का फूल और बहेड़ा का फूल नहीं चढ़ामना चाहिए.

शिव जी को कौन सा फल नहीं चढ़ाना चाहिए?

भगवान शिव को कुछ फल चढ़ाना वर्जित माना जाता है. शिवलिंग पर नारियल, केला, अनार, जामुन और कटहल नहीं चढ़ाना चाहिए. इनका शिव पूजन में इस्तेमाल करना शुभ नहीं माना जाता है.

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